पूरे भारतवर्ष में सभी सम्प्रदायों के संतों ने सरलतम लोकभाषाओं में कम
से कम शब्दों में कई बार अत्यंत गूढ़ बातें कहीं हैं| जब हरिकृपा से कभी कभी
उनका अर्थ समझ में आता है तब हतप्रभ और नतमस्तक हो जाता हूँ|
लोग साहित्यिक दृष्टी से तो उनका अध्ययन करते हैं पर आध्यात्मिक दृष्टी से नहीं|
कई संतों की वाणियों में जब मैं अजपाजप, चक्रभेद, अनाहतनाद, स्वरयोग और भक्ति के बारे में पढता हूँ तो उनके अद्भुत अनुभूत ज्ञान के आगे नतमस्तक हो जाता हूँ|
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धन्य है भारतभूमि जहाँ संत जन्म लेते हैं| संतों के त्याग और तपस्या से ही हमारा धर्म, संस्कृति और राष्ट्र जीवित है| भारत का उद्धार भी उनकी अध्यात्मिक शक्ति ही करेगी|
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ॐ ॐ ॐ ||
लोग साहित्यिक दृष्टी से तो उनका अध्ययन करते हैं पर आध्यात्मिक दृष्टी से नहीं|
कई संतों की वाणियों में जब मैं अजपाजप, चक्रभेद, अनाहतनाद, स्वरयोग और भक्ति के बारे में पढता हूँ तो उनके अद्भुत अनुभूत ज्ञान के आगे नतमस्तक हो जाता हूँ|
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धन्य है भारतभूमि जहाँ संत जन्म लेते हैं| संतों के त्याग और तपस्या से ही हमारा धर्म, संस्कृति और राष्ट्र जीवित है| भारत का उद्धार भी उनकी अध्यात्मिक शक्ति ही करेगी|
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