Monday, 24 February 2025

मेरे लिए एक ही बात का महत्व है, और वह है -- "परमात्मा से परमप्रेम और निज जीवन में निमित्त-मात्र होकर परमात्मा की उच्चतम अभिव्यक्ति।"

 मेरे लिए एक ही बात का महत्व है, और वह है -- "परमात्मा से परमप्रेम और निज जीवन में निमित्त-मात्र होकर परमात्मा की उच्चतम अभिव्यक्ति।"

.
जीवन में एक ब्रह्मतेज और क्षात्रबल भी प्रकट होगा। सनातन धर्म की पुनःप्रतिष्ठा और वैश्वीकरण भी होगा, अपने द्विगुणित परम वैभव के साथ भारत माता अपने अखंडता के सिंहासन पर भी बिराजमान होगी। भारत एक हिन्दू राष्ट्र भी होगा।
.
जीवन का केन्द्रबिन्दु परमात्मा को बनाओ, और सारा मार्गदर्शन श्रीमद्भगवद्गीता से लो। सब मंगलमय और शुभ ही शुभ होगा।
तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१३ सितंबर २०२२

No comments:

Post a Comment