क्रिसमस पर भक्ति तो एक बहाना है, असली त्योहार तो दारू और डांस है --
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उत्तरी ध्रुव से २४ दिसंबर को सांता क्लॉज नाम का एक पादरी हम मूर्खों के पास आ रहा है, जो हमारे बच्चों को कैंडी, चॉकलेट व टॉफी देगा। यह सेंट निकोलस नाम के एक पादरी का बाप है। वह स्लेज गाड़ी में आयेगा जो बर्फ में ही चलती है, जिसे रेनडीयर नाम के बारहसींगे खींचते हैं। भारत के मैदानी क्षेत्रों में तो बर्फ नहीं पड़ती, अतः वह भारत में नहीं आ सकता। बच्चो, जिन्हें सांता से प्यार है वे क्रिसमस की छुट्टियों में अपने माँ-बाप को लेकर फिनलेंड चलें जाएँ छुट्टी मनाने। खूब आनंद आयेगा।
फादर क्रिसमस सांता फिनलैंड के लोपलैंड प्रान्त में कोरवातुन्तुरी के पहाड़ों में अपनी पत्नी श्रीमती क्लॉज़ के साथ रहता है। उसके साथ एक अनिर्दिष्ट परन्तु बड़ी संख्या में कल्पित बौने और कम से कम आठ या नौ उड़ने वाले रेन्डियर भी रहते हैं। जिन्हें चलना है वे मुझे अपने साथ ले चलें। मेरा आने-जाने और रहने का पूरा खर्चा आप का होगा।
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क्रिसमस कैसे मनाते हैं? ---
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२४ दिसंबर की रात्री मे १२ बजे तक तो खूब भजन गाते हैं, जिन्हें केरोल कहते हैं। १२ बजे के बाद ऐक-दूसरे को बधाई देकर, दारू पीना शुरू कर देते हैं। दारू पीकर नशे में खूब भयंकर डांस होता है, जिसमें थकने तक डांस करते हैं। दूसरे दिन २५ तारीख को टर्की नाम की प्रजाति के एक मुर्गे का मांस ब्रेड सॉस के साथ खाते हैं। अपने घनिष्ठ मित्रों व रिश्तेदारों को उपहार देते हैं।
क्रिसमस के दिन दारू पीते हुए मेरे ईसाई दोस्त मुझे गालियाँ भी देने लगते कि तुम हिन्दू लोगों को तमीज नहीं है, दारू पीनी भी नहीं आती, कोई सलीका नहीं है तुम लोगों में। अपना प्याला ले आओ और दिल भरकर जितनी मांगता है उतनी दारू हमसे पीओ। नशा उतरते ही भूल जाते कि क्या बोला था।
क्रिसमस पर भक्ति तो एक बहाना है, असली त्योहार तो दारू और डांस है।
१४ दिसंबर २०२२
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