Saturday, 14 December 2024

हमारे स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण स्वयं पद्मासन लगाकर अपने परम ज्योतिर्मय रूप में ध्यान मग्न हैं ---

गुरुकृपा से ध्यान करते-करते जब यह बोध हो जाये कि हमारे स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण स्वयं पद्मासन लगाकर अपने परम ज्योतिर्मय रूप में ध्यान मग्न हैं, तब उन्हें बिल्कुल भी न छेड़ें, और जब तक सामर्थ्य है, उन्हें ही कूटस्थ में निहारते रहें| निहारते-निहारते उनमें स्वयं को विलीन कर दें, और उनके साथ एक होकर ध्यान मग्न हो जाएँ|
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वे ही सारी क्रियायें व अन्य सब साधनायें कर रहे हैं| वे एक प्रवाह के रूप में हमारे माध्यम से प्रवाहित हो रहे हैं| वे एक रस हैं जिनका रसास्वादन हम निरंतर कर रहे हैं| इस देह में वे ही वे हैं, हम नहीं| देह की हरेक क्रिया, और इस जीवन की यह लोकयात्रा वे ही कर रहे हैं| उन्हीं की जय हो|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१५ दिसंबर २०२०

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