(प्रश्न १) क्रिसमस का त्योहार २४ व २५ दिसंबर को ही क्यों मनाते है?
(प्रश्न २) हमारा साप्ताहिक अवकाश रविवार को ही क्यों होता है?
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(उत्तर) "रोमन सम्राट कोन्स्टेंटाइन द ग्रेट के आदेश से।"
यह उपरोक्त दोनों प्रश्नों का उत्तर है। हमारी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में इस वर्ष शुक्रवार २२ दिसंबर २०२३ को सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होगी। २३ दिसंबर से दिन बड़े होने आरंभ हो जाएँगे। दो हज़ार वर्ष पूर्व २४ दिसंबर सबसे अधिक छोटा दिन और सबसे लंबी रात होती थी। २५ दिसंबर से बड़े दिन होने आरंभ होते थे, अतः उसने आदेश दिया कि २४ जनवरी की अर्धरात्रि को जीसस का जन्म और २५ दिसंबर को क्रिसमस मनाई जाये। चूंकि वह एक सूर्योपासक था अतः सूर्य के उपासकों के लिए असुविधा न हो, इस उद्देश्य से उसने रविवार को छुट्टी मनाने का आदेश दिया जो अभी तक है। बाइबल में उसने लिखवा दिया कि गॉड ने छह दिन में सृष्टि बनाई और रविवार के दिन विश्राम किया, अतः रविवार अवकाश का दिन है (the Sabbath day and a day of rest and worship)।
जब सृष्टि ही नहीं थी तो वार कहाँ से आए? पूरी गप्पोड़बाजी है।
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रोमन सम्राट कोन्स्टेंटाइन द ग्रेट एक सूर्योपासक था, वह कभी भी ईसाई नहीं बना। ईसाई रिलीजन का उपयोग उसने अपने साम्राज्य के विस्तार के लिए किया। उसी ने कोन्स्टेंटिनोपल (कुस्तुंतुनिया) नगर बसाया था, जिसे वर्तमान में इस्तांबूल कहते हैं। वहाँ का चर्च सैंट-सोफिया (वर्तमान में शाही मस्जिद) ईसाई रिलीजन की दूसरे नंबर की सबसे बड़ी गद्दी हुआ करती थी।
सम्राट कोन्स्टेंटाइन द ग्रेट ने ही बाइबिल के नए सुसमाचार (New Testaments) लिखवाये थे।
१४ दिसंबर २०२३
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