चेतावनी :--- धरती माँ रक्त-रंजित हो रही है, अब और भी बहुत अधिक होने वाली है। धरती माँ को विधिवत रूप से प्रणाम करें, और अपनी रक्षा की प्रार्थना करें। आपकी रक्षा होगी। यह कोई टोटका नहीं, सत्य है। संभावित विनाश से रक्षा -- "हमारे द्वारा स्वधर्म का पालन", और "धरती माता की कृपा" ही करेगी। प्रातःकाल उठते समय पृथ्वी पर पैर रखने से पूर्व प्रार्थना करें --
"समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मंडिते।
विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं पाद स्पर्श क्षमश्व मे॥"
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पुनश्च: --- यह पृथ्वी कंकर-पत्थर और मिट्टी मात्र नहीं, हमारी साक्षात माता है। माता को लाल रंग की एक चुनरी/ओढ़नी या ढाई गज का लाल रंग का कपड़ा ओढा कर उस पर कुछ चावल के दाने छिड़कें, और परिवार के सभी सदस्य घुटनों के बल पर बैठ कर प्रणाम करें, और रक्षा की प्रार्थना करें। उस वस्त्र को वहीं छोड़ दें। भगवान से भी सभी की रक्षा की प्रार्थना करें। आपकी रक्षा होगी।
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