हमें परमात्मा की प्राप्ति कब होगी?
यह एक शाश्वत प्रश्न है जिसका उत्तर बड़े स्पष्ट शब्दों में परमात्मा ने स्वयं दिया है| शांत, मौन और एकांत में उन के प्रति अपने परमप्रेम को पूर्ण सत्यनिष्ठा, श्रद्धा और विश्वास से स्वयं में व्यक्त करो| जब अन्तःकरण शांत होगा तब उन की उपस्थिति का आभास निश्चित रूप से होता है| वे नित्य निरंतर हमारे कूटस्थ में बिराजमान हैं| अपनी सभी दुर्बलताओं से ऊपर उठ कर कूटस्थ में उन का ध्यान करो| उनके प्रति अभीप्सा व प्रेम में कोई कमी नहीं होनी चाहिए|
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अब शिकायत करने को कुछ बचा भी नहीं है| सारी दुर्बलताओं/कमजोरियों का आभास भी उन्होने करा दिया है और उन से ऊपर उठने के उपाय भी बता दिये हैं| हमारी भक्ति व साधना हमारे और परमात्मा के मध्य का व्यक्तिगत मामला है, इसमें किसी भी तरह का दिखावा नहीं होना चाहिए| इस में किसी अन्य का कोई काम नहीं है| किसी अन्य पर चाहे वह कोई भी क्यों न हो, किसी भी तरह की निर्भरता नहीं होनी चाहिए| सत्यनिष्ठा हो तो वे स्वयं हमारे हर प्रश्न का उत्तर देते हैं|
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ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
२२ मई २०२०
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अब शिकायत करने को कुछ बचा भी नहीं है| सारी दुर्बलताओं/कमजोरियों का आभास भी उन्होने करा दिया है और उन से ऊपर उठने के उपाय भी बता दिये हैं| हमारी भक्ति व साधना हमारे और परमात्मा के मध्य का व्यक्तिगत मामला है, इसमें किसी भी तरह का दिखावा नहीं होना चाहिए| इस में किसी अन्य का कोई काम नहीं है| किसी अन्य पर चाहे वह कोई भी क्यों न हो, किसी भी तरह की निर्भरता नहीं होनी चाहिए| सत्यनिष्ठा हो तो वे स्वयं हमारे हर प्रश्न का उत्तर देते हैं|
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ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
२२ मई २०२०