Monday 18 May 2020

हम अपना सर्वश्रेष्ठ करें .....

अपने अनुभव और विवेक से राष्ट्र की समस्याओं को हम बहुत अच्छी तरह से समझ सकते हैं| उनका समाधान क्या है यह भी समझ में आ सकता है| जोश में भरकर बड़ी बड़ी बातों से कोई लाभ नहीं है| कुछ भी करने से पहिले हमें यह आंकलन करना होगा कि हमारी स्वयं की क्षमता व योग्यता क्या है, और हमारे पास क्या क्या उपलब्ध साधन हैं? यह भी समझना होगा कि अपनी क्षमता, योग्यता और उपलब्ध साधनों की सीमा में रहते हुए वर्तमान परिस्थिति में अपना सर्वश्रेष्ठ हम क्या कर सकते हैं? जब यह समझ में आ जाये तो शांति से अपने पूरे पुरुषार्थ से अपना कार्य आरंभ कर दो| सफलता मिलना या न मिलना ईश्वर पर निर्भर है| भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने पूरा मार्गदर्शन दिया है| उन्हें अपने जीवन का केंद्रबिन्दु बना कर सब कुछ समर्पित कर दो| नित्य गीता का स्वाध्याय व भगवान वासुदेव का ध्यान करना चाहिए| तब भटकने की संभावना नहीं रहेगी और मार्गदर्शन और शक्ति भी मिलेगी| ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
१६ मई २०२०

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