Saturday 10 November 2018

भारत का संविधान और न्याय-व्यस्था भारतीयों के अधिकारों की रक्षा के लिए है, न कि विदेशी आतंकी लुटेरों के अधिकारों की रक्षा के लिए .....

भारत का संविधान और न्याय-व्यस्था भारतीयों के अधिकारों की रक्षा के लिए है, न कि विदेशी आतंकी लुटेरों के अधिकारों की रक्षा के लिए| बाबर नाम के एक विदेशी आतंकी लुटेरे आतताई ने पाँच लाख से अधिक भारतीयों की ह्त्या करवा कर, हज़ारों भारतीय महिलाओं का बलात्कार करवा कर, पूरे भारत देश को आतंकित कर के, भारत के पवित्रतम स्थान राम मंदिर को भग्न कर के एक विवादित ढांचा राममंदिर के भग्नावशेषों से ही वहीं खड़ा किया था|
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बाबर कोई भारतीय नहीं बल्कि मध्य एशिया के उज़बेकिस्तान नाम के देश से आया हुआ एक निकृष्टतम चोर दुर्दांत अत्याचारी और आतंकी लुटेरा था|
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भारत के संविधान और उच्चतम न्यायालय का यह उद्देश्य नहीं है कि वे बाबर या अन्य किसी विदेशी लुटेरे के अधिकारों की रक्षा करे| यह संविधान और न्याय-व्यवस्था भारतीयों के अधिकारों की रक्षा के लिए है न कि विदेशी आतंकी लुटेरों की|
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समाज की सुरक्षा के लिए चोरी, डकैती, ह्त्या आदि को अपराध माना गया है| लूटी हुई संपत्ति उसके स्वामी को बापस दिलवाना न्यायालय का दायित्व है|
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लाखों भारतीयों की ह्त्या कर के राम मंदिर लूटा व तोड़ा गया था| राम मंदिर के मालिकों को मंदिर बापस करने के बदले .....
(१) लुटेरों को लूट की संपत्ति पर तीस पीढ़ियों का अधिकार मानना,
(२) लूटमार और लुटेरों का सम्मान करना,
करोड़ों भारतीयों और भारत की अस्मिता का अपमान है|
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श्रीराम पूरे भारत के और हम सब के प्राण हैं| कृपया इसे अधिक से अधिक साझा और कॉपी/पेस्ट करें| धन्यवाद ! जय श्रीराम !

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