भीतर की ही नहीं, बाहर की कमियों को भी देखें ....
इच्छा शक्ति से अधिक शक्तिशाली तो वातावरण का प्रभाव होता है| अधिकाँश आध्यात्मिक साधक अपनी साधना में विफल अपने घर वालों के नकारात्मक स्पंदनों के कारण होते हैं| हम सुख सम्पति और बड़ाई के लिए परिवार से चिपके रहते हैं, और घर-परिवार के नकारात्मक प्रभाव से भगवान को छोड़ देते हैं| साधना में निःसंगता अति आवश्यक है|
"सुख संपति परिवार बड़ाई | सब परिहरि करिहउँ सेवकाई ||
ये सब रामभगति के बाधक | कहहिं संत तब पद अवराधक ||"
ये सब रामभगति के बाधक | कहहिं संत तब पद अवराधक ||"
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
७ अगस्त २०१८
७ अगस्त २०१८
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