Wednesday 8 August 2018

फारस की खाड़ी में तनाव .....

पृथ्वी पर विश्व व्यापार और नौपरिवहन के लिए निम्न सात स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं| इनमें से किसी एक का भी अवरुद्ध होना वर्त्तमान परिस्थितियों में बहुत अधिक घातक हो सकता है .....
(१) होरमुज़ जलडमरूमध्य.
(२) बाब अल-मंडाब जलडमरूमध्य.
(३) मलक्का जलडमरूमध्य.
(४) जिब्राल्टर जलडमरूमध्य.
(५) बोस्फोरस जलडमरूमध्य.
(६) पनामा नहर.
(७) स्वेज़ नहर.
जब इराक और ईरान में युद्ध हो रहा था उस समय फारस की खाड़ी में स्थिति बड़ी भयावह थी| कब किस पर हमला हो जाय, कौन कब मारा जाए इसका कोई भरोसा नहीं था| उसके बाद इराक ने जब कुवैत पर अधिकार किया और उसके प्रत्युत्तर में अमेरिका ने कपने सहयोगी देशों के साथ इराक पर आक्रमण किया तब भी स्थितियाँ बड़ी गंभीर थीं|
आज से ईरान पर अमेरिकी प्रतिबन्ध लागू हो गए हैं| ईरान ने एक ओर तो सऊदी अरब से तनाव बना रखा है, दूसरी ओर इजराइल को नष्ट करने की धमकी दे रखी है| अमेरिका किसी भी परिस्थिति में ऐसा नहीं होने देगा चाहे उसे पूर्ण शक्ति से युद्ध लड़ना पड़े, क्योंकि उसके आर्थिक हित प्रभावित होते हैं|
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फारस की खाड़ी में, विशेषकर होरमुज़ पर नियंत्रण के लिए हुए युद्ध का भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है|
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फारस की खाड़ी में युद्ध की सी स्थितियों का निर्माण हो रहा है| "होरमुज़ जलडमरूमध्य" विश्व का सर्वाधिक संवेदनशील स्थान है| यह भारत के बहुत समीप है| वहाँ हुए किसी भी युद्ध के परिणाम भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत अधिक घातक होंगे| युद्ध की परिस्थितियों के लिए सबसे अधिक दोषी तो ईरान के नेताओं के उन्मादी वक्तव्य हैं, फिर अमेरिका की अत्यधिक संवेदनशीलता और आर्थिक हित|
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इराक़ और सऊदी अरब के बाद ईरान भारत को तेल बेचने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है| भारत निम्न चार देशों से कच्चा तेल खरीदता है ... इराक़, सऊदी अरब, ईरान और वेनेज़ुएला| पहले तीन देशों से तेल होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर ही आता है| यदि ईरान होरमुज़ जलडमरूमध्य को अवरुद्ध कर देता है तब विश्व में हाहाकार मच जाएगा और फिर विश्वयुद्ध को कोई नहीं रोक सकता|

कृपा शंकर
८ अगस्त २०१८ 

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