Thursday 3 May 2018

दो दृष्टिकोण जिनकी दिशा एक ही है :----

दो दृष्टिकोण जिनकी दिशा एक ही है :----
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(१) पिछले जन्मों में मुक्ति का कोई उपाय नहीं किया इसी लिए प्रारब्धवश अपने कर्मों का फल भोगने के लिए यह जन्म लेना पड़ा| यह क्रम कभी तो टूटना चाहिए| पर कब से ? इस संसार में जन्म लिया ...... यही सबसे बड़ी भूल हुई है हमारे से|
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(२) यह हमारा सौभाग्य है कि हमने इस धरा पर मानव योनि में जन्म लिया, क्योकि इसी संसार मे हमें मोक्ष मिल सकता है और मोक्ष के साधन भी| इसी धरा पर हम सेवा कर सकते हैं| यदि ईश्वर ने हमे यहां भेजा है तो अवश्य ही कुछ कारण होगा|

1 comment:

  1. जो परिवर्तन हम चाहते हैं, वह परिवर्तन हम स्वयं बनें.
    उपास्य के गुणों को स्वयं में व्यक्त करें.
    ॐ ॐ ॐ

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