Saturday 3 December 2016

जातिवाद समाप्त कैसे हो ? .....

> यदि किसी से किसी मंदिर के पुजारी ने जाति पूछ ली तो भावनाएं क्यों आहत हो रही हैं? >>
आप आरक्षण लेने ले लिए अपनी जाति क्यों बताते हैं? आरक्षित वर्ग का फॉर्म भरते समय जब फॉर्म में जाति पूछी जाती है, उस समय आपकी भावनाएं आहत क्यों नहीं होतीं? उस समय अपनी जाति बताते हुए आपका मान सम्मान क्यों बढ़ जाता है और गर्व से भर जाता है?
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मंदिर में पूजा कराते समय जाति और गौत्र सबसे पूछा जाता है|
अगर पूछ भी लिया तो इसमें भड़कने की कौन सी बात है?
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सरकार को संबिधान में संसोधन कर किसी भी दस्तावेज में जाति लिखना बंद करवा देना चाहिए समस्या स्वतः हल हो जाएगी|

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