Saturday 3 December 2016

भारतवर्ष में धर्म और परमात्मा की सर्वाधिक और सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति हुई है .....

भारतवर्ष में धर्म और परमात्मा की सर्वाधिक और सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति हुई है|
यह ऋषि-मुनियों का, संत-महात्माओं का और त्यागी-तपस्वियों का देश सदा पददलित और किसी भी तरह से अब और दरिद्र नहीं रह सकता| भारतवर्ष के पुनरोत्थान का कार्य आरम्भ हो चुका है| इसके पीछे संत-महात्माओं का ब्रह्मतेज और संकल्प है|
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इसमें सूक्ष्म जगत की सभी सकारात्मक शक्तियाँ, देवी-देवता, सप्त चिरंजीवी और सभी गुप्त सिद्ध योगियों का योगदान हो रहा है| एक विराट आध्यात्मिक शक्ति ने अपना कार्य प्रारम्भ कर दिया है| ईश्वर की ऐसी ही इच्छा है जिसके विरुद्ध कोई भी असत्य और अन्धकार की आसुरी शक्ति नहीं टिक सकती|
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अन्धकार का युग समाप्त हो चुका है और कालचक्र के एक नए आरोही युग में हमारा पदार्पण हो चुका है जिसमें आगे विकास ही विकास है| हम अपनी पूर्णता को प्राप्त करें|
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ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पुर्णमुदच्यते |पूर्णश्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
आप सब में हृदयस्थ परमात्मा को नमन और आप सब को अहैतुकी प्रेम | ॐ ॐ ॐ ||
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ॐ तत्सत् | ॐ शिव शिव शिव | ॐ ॐ ॐ

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