"हमारा सबसे बड़ा शत्रु हमारा तमोगुण है" ---
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भगवान श्रीकृष्ण ने यह बात बड़े स्पष्ट शब्दों द्वारा गीता में समझाई है। हालाँकि आध्यात्मिक प्रगति के लिए रजोगुण से भी ऊपर उठना पड़ता है। तमोगुण प्रधान व्यक्ति तो गीता को कभी समझ ही नहीं सकता। हमारी मूढ़ता, अज्ञान और दुःखों का एकमात्र कारण हमारा तमोगुण है।
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तमोगुण से मुक्त होने का एक ही उपाय है, और वह है -- आहारशुद्धि और सत्संग। अन्य कोई उपाय नहीं है। आप क्या आहार ग्रहण करते हैं, और किन लोगों के साथ रहते हैं? इस विषय पर सदैव सतर्क रहें। उच्च कोटि के महात्माओं का सत्संग करें, और अच्छा साहित्य पढ़ें। निश्चित रूप से लाभ होगा।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
७ अप्रेल २०२२
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