Wednesday, 2 March 2022

शिवलिंग पूजा का महत्व :---

 शिवलिंग पूजा का महत्व :---

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मैं आत्मप्रेरणावश अपनी सीमित बुद्धि से इस विषय पर चर्चा छेड़ रहा हूँ जिस का मुझे तनिक आभास मात्र ही है| मनीषीगण इस पर और प्रकाश डालें|
शिवरात्रि का पावन पर्व आने वाला है| उससे पूर्व ही इस विषय पर जितनी चर्चा हो जाये उतना ही अच्छा है|
हिन्दू धर्म के आलोचक अज्ञानतावश शिवपूजा का एक अश्लील अर्थ लगाकर आलोचना करते है| अतः सही अर्थ बता देना आवश्यक है|
"लिंग" शब्द का अर्थ होता है --- "चिन्ह" या "प्रतीक"|
मैंने कही पढ़ा है ---
"न लिंगं लिंगमिथ्याहु: यस्मिन् सर्वे प्रलीयन्ते तल्लिंगम लिंगमुच्यते|"
जिसके अन्दर सब का लय होता है ---- स्थूल, सूक्ष्म और कारण जगत का जिस तुरीय चेतना में लय होता है उस तुरीय चेतना का प्रतीक ---- शिवलिंग है|
जिस अनंत और परम चैतन्य रूप शिव तत्व का ध्यान की गहराइयों में आभास होता है उस शिव तत्व का स्थूल प्रतीक है शिवलिंग|
जिन से सकल जड़ व चेतन पदार्थों की सृष्टि हुई है, जिन की द्वीप्ति से यह विश्व प्रकाशित है, उस परम शिव तत्व का प्रतीक है शिवलिंग|
"यं प्रपश्यन्ति देवेशं भक्त्यानुग्रहिणो जना:|
तमाहुरेकं कैवल्यं शंकरं दु:खतस्करं ||"
यहाँ "दु:खतस्करं" शब्द का प्रयोग हुआ है| तस्कर शब्द का अर्थ है -- चोर या हरण करे वाला| जो अपने भक्तों के दु:खों और कष्टों का हरण कर लेते है उन परम कैवल्य स्वरुप परम तत्व का प्रतीक है -- शिवलिंग|
ॐ नमः शिवाय|
३ मार्च २०१३

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