सर्वप्रथम सनातन धर्म व राष्ट्र की रक्षा हो, तभी भारत देश बचेगा; अन्यथा नामांतरण भी हो सकता है -- पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान।
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धर्म की रक्षा होती है - धर्माचरण से, जिसे आजकल कोई करना नहीं चाहता। समय ही खराब चल रहा है, किसी का दोष नहीं है। मेरी आस्था अब सब ओर से हट कर भगवान पर ही सिमट गई है। यह भगवान की सृष्टि है, अतः जो कुछ भी करना है, वह वे ही करेंगे। मैं तो निमित्तमात्र हूँ। मेरी भूमिका यज्ञ में एक यजमान की भूमिका से अधिक नहीं है। ॐ तत्सत् !! ॐ स्वस्ति !!
१९ अक्तूबर २०२१
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