Friday 21 September 2018

सफ़ेद गुलाब और गौरैया .....

सफ़ेद गुलाब और गौरैया .....
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एक बगीचे में कई गुलाब के फूल खिले थे| सब के रंग लाल, पीले, गुलाबी और अन्य थे, पर सिर्फ एक ही सफ़ेद रंग का गुलाब था| उस सफ़ेद गुलाब में एक हीन भावना आ गयी और वह भगवान से प्रार्थना करता कि मुझे भी लाल रंग का बना दो|
एक दिन एक गौरैया उड़ती हुई उस बगीचे में आई, उसने उस सफ़ेद गुलाब को देखा और उससे प्यार करने लगी| पूरे दिन दोनों ने बातचीत की और गौरैया ने अगले दिन फिर आने की बात कही| सफ़ेद गुलाब ने अपनी शर्त रखी कि वह लाल रंग का होने पर ही मित्रता करेगा|
गौरैया पूरी रात विचार करती रही कि अपने मित्र सफ़ेद गुलाब को लाल कैसे बनाए| दुसरे दिन जब सूर्योदय हुआ तब सफ़ेद गुलाब जागा और अपनी पंखुड़ियाँ फैला दीं| घोर आश्चर्य ! उसकी सब पंखुड़ियाँ लाल थीं| वह प्रसन्नता से नाच उठा| उसने नीचे देखा तो बड़ा दुखद दृश्य था| नीचे मरी हुई गौरैया अपने स्वयं के रक्त में ही भीगी हुई पडी थी, उसकी छाती में कई कटे हुए के चिह्न थे|
सफ़ेद गुलाब को समझ में आया कि क्या हुआ| रात को गौरैया आई थी, उसने मित्रता निभाने के लिए फूल के साथ लगे काँटों से अपना सीना छलनी किया और बंद सफ़ेद गुलाब को अपने रक्त से भिगो दिया|
कई लोगों ने हमारे जीवन में प्रसन्नता लाने के लिए त्याग किया है| हमें उन सब का उपकार मानना चाहिए| हम उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्यार दें| पर पहला प्यार परम प्रिय परमात्मा को दें जिन्होनें हमें अपना प्रियतम स्वरुप दिया है|

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