Friday, 21 September 2018

पृथ्वी पर इस समय "शैतान" का राज्य बहुत लम्बे समय से चल रहा है ....

एक अलग दृष्टिकोण .....

पृथ्वी पर इस समय "शैतान" का राज्य बहुत लम्बे समय से चल रहा है| "शैतान" कोई व्यक्ति नहीं है, मनुष्य की "कामवासना", "लोभ" और "अहंकार" ही "शैतान" है| "परमात्मा" की परिकल्पना सिर्फ भारत की ही देन है, पर भारत में भी घोर "तमोगुण" के रूप में "शैतान" ही राज्य कर रहा है| भारत में "जातिगत द्वेष", और "पारस्परिक जातिगत घृणा" .... "तमोगुण" की प्रधानता के कारण है| यह "तमोगुण" भी "शैतान" ही है|
मैं जहाँ रहता हूँ वहाँ पूरे क्षेत्र में ही दुर्भाग्य से इतना भयंकर "जातिगत द्वेष" है कि मेरा दम घुटने लगता है| कई बार मुझे लगता है कि मैं गलत क्षेत्र में और गलत समाज में रह रहा हूँ| कहीं जाने का मन भी नहीं करता| जहाँ "तमोगुण" की प्रधानता है वहाँ "शैतान" ही राज्य करता है|

१५ सितम्बर २०१८

1 comment:

  1. कामवासना तो उस जमाने की बात है जब मन परमात्मा की अपेक्षा पशुत्व से भरा था| जबसे हृदय में परमात्मा आये हैं, सारा परिप्रेक्ष्य ही बदल गया है| अब तो परमात्मा के सिवाय अन्य कोई है ही नहीं|

    जब से परमात्मा आकर हृदय में बिराजमान हो गए हैं, सारे बाहरी साथ छुट गए हैं, लेना-देना सिर्फ परमात्मा से ही है| स्वप्नों को साकार कर अपनी सृष्टि का निर्माण स्वयं करेंगे| किसी अन्य से कोई अपेक्षा नहीं है.

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