कश्मीर की समस्या एक धार्मिक समस्या है, राजनीतिक नहीं ..... (Part 1). ........
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>>> भारत की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था में कश्मीर की समस्या का कोई हल नहीं है| इस के लिए अति सफल कूटनीति और दृढ़ इच्छा शक्ति की आवश्यकता है| यह कोई राजनीतिक समस्या नहीं है, बल्कि धार्मिक समस्या है|
>>> पूरा कश्मीर पकिस्तान को दे दो तो भी वह संतुष्ट नहीं होगा| उसका असली लक्ष्य तो पूरे भारत को पकिस्तान बनाना है|
>>> कश्मीर को एक स्वतंत्र देश बना दो यह भी कोई स्थायी समाधान नहीं है| पाकिस्तान सैन्य आक्रमण कर के चीन की सहायता से उस पर अधिकार कर लेगा|
>>> कश्मीर घाटी में सुन्नी मुसलमान अधिक हैं| वे पाकिस्तान में मिलना चाहते हैं| बाकी कश्मीर में शिया मुसलमान अधिक हैं जो भारत के साथ रहना चाहते हैं| जम्मू में हिदू बहुमत है, लद्दाख में बौद्ध बहुमत है जो भारत के साथ रहना चाहते हैं| असली समस्या कश्मीर घाटी में है|
>>> पाक अधिकृत कश्मीर में विशेषकर बाल्टीस्तान और गिलगिट में शिया बहुमत है जो पकिस्तान का साथ नहीं चाहते| पर फौजी ताकत से दबाकर उन्हें रखा गया है| पूर्व तानाशाह जिया-उल-हक ने पाक अधिकृत कश्मीर का जनसांख्यिकी परिवर्तन करने के लिए लाखों सुन्नियों को कश्मीर में बसाया ताकि शियाओं को दबा कर रखा जा सके|
>>> जब तक पकिस्तान का अस्तित्व है तब तक कश्मीर में कोई शांति नहीं हो सकती|
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>>> कश्मीर की समस्या का एक मात्र हल है ....... अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक और सैन्य सहयोग से पकिस्तान को चार टुकड़ों में बाँट दिया जाए| बलूचिस्तान, सिंध और कबायली इलाकों सहित पख्तूनख्वा को .... पंजाब से पृथक कर दिया जाए| पूरा पकिस्तान सिर्फ पाकिस्तानी पंजाब तक ही सीमित रह जाए|
>>> इसके लिए हमें अमेरिका, रूस, इजराइल, फ़्रांस और ईरान जैसे देशों से पूर्ण सक्रीय सहयोग भी लेना पड़ेगा| चीन को भी एक बार तो मनाना ही होगा|
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पकिस्तान का अस्तित्व विश्व शांति के लिए खतरा है| पकिस्तान को नष्ट किये बिना विश्व में सुख-शांति नहीं हो सकती|
>>> भारत के हित में पाकिस्तान को विखंडित करना अति आवश्यक है|
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वन्दे मातरं | भारत माता की जय | ॐ ॐ ॐ ||
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Aprl 17, 2017.
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कश्मीर की समस्या एक धार्मिक समस्या है, राजनीतिक नहीं ..... (Part 2). .......
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पाकिस्तान से युद्ध तो अवश्यम्भावी है| पर भारत निर्णायक युद्ध अकेला नहीं लड़ सकेगा, किसी न किसी महाशक्ति को साथ में लेना ही होगा| इसका कारण नीचे लिख रहा हूँ|
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आज अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भारत आये हुए हैं| देखो क्या मंत्रणा होती है|
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दो-एक वर्ष पूर्व सऊदी अरब और ईरान में बहुत अधिक तनाव था और युद्ध की सी स्थिति बन गयी थी| उस समय सऊदी अरब ने ३८ मुस्लिम देशों के सुन्नी सैनिकों को अपने यहाँ बुलाकर पूरे विश्व की एक सुन्नी मुस्लिम सेना बनाई थी जिसके सेनापति पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल राहील शरीफ हैं| इसका मुख्यालय रियाद में है| पकिस्तान की तो एक पूरी डिवीज़न इस सेना में है|
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अब पाकिस्तान और सऊदी अरब में एक युद्ध संधि है कि इनमें से किसी भी एक देश का यदि किसी तीसरे देश से युद्ध होता है तो दोनों की सेनाएँ साथ साथ लड़ेंगी| यदि भारत का पाकिस्तान से युद्ध होता है तो सऊदी अरब और उसकी यह मुस्लिम सेना भी पाकिस्तान के लिए लड़ेंगी|
भारत को घेरने के लिए सऊदी अरब ने मालदीव में एक द्वीप लीज पर लिया है जिस पर सऊदी अरब और पकिस्तान मिलकर एक नौसैनिक अड्डा बनायेंगे| यह भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान की एक चाल है| मालदीव की वर्तमान सरकार घोर भारत विरोधी है|
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उपरोक्त चाल उसी तरह है जिस तरह चीन ने बंगाल की खाड़ी में म्यान्मार के कोको द्वीप पर एक सैनिक अड्डा बना रखा है और भारत पर वहाँ से दृष्टी रखता है| यह कोको द्वीप भारत का ही था जिसे भारत की ही एक पूर्व सरकार ने बर्मा को भेंट कर दिया था| भारत को घेरने के लिए चीन तो श्रीलंका और बंगलादेश में भी सैनिक अड्डे बनाना चाहता था, पर भारत की कूटनीति से सफल नहीं हुआ|
पर पाकिस्तान के साथ यदि भारत का युद्ध होता है तो चीन भी भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ सकता है| अतः भारत को महाशक्तियों का साथ तो लेना ही होगा|
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भारत का वर्त्तमान राजनीतिक नेतृत्व सक्षम है जो किसी भी स्थिति का सफलता से सामना कर लेगा|
इति|
April 18, 2017.
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कश्मीर की समस्या एक मजहबी समस्या है, राजनीतिक नहीं ....... (Part 3) ......
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मैंने 17 अप्रेल को उपरोक्त शीर्षक से ही एक लेख लिखा था| आज उसी कड़ी में बदली हुई परिस्थितियों में समय की आवश्यकतानुसार यह दूसरा लेख लिख रहा हूँ|
हिजबुल मुज़ाहिदीन के मारे गए कमांडर जिस स्कूल ड्रोप आउट बुरहान बानी को आज सारे अलगाववादी और पाकिस्तान एक महान शहीद और कश्मीर का हीरो बता रहे हैं, उसी हिजबुल मुजाहिदीन के वर्तमान कमांडर ज़ाकिर मूसा (संयोग से वह भी इंजीनियरिंग की फाइनल परीक्षा में फेल और कॉलेज ड्रॉप आउट है) ने अब साफ़ साफ़ फ़रमाया है कि कश्मीर घाटी में जो मारकाट मचाई जा रही है उसका सम्बन्ध किसी आज़ादी की लड़ाई से नहीं है, बल्कि कश्मीर को इस्लामी निजाम-ए-मुस्तफा यानि इस्लामी राज्य बनाने से है| उसने अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं को चेतावनी भी दी है कि यदि उन्होंने कश्मीर की समस्या को राजनीतिक बताया तो उनके सिर कलम कर दिए जायेंगे|
(पढ़िए आज के "पंजाब केसरी" समाचार पत्र में श्री अश्विनी कुमार का लिखा विशेष सम्पादकीय "कश्मीर में 'इस्लामी' लड़ाई!")
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कश्मीर के अलगाववादी आजकल कश्मीर को सीरिया बनाने का प्रयास कर रहे हैं| कश्मीर में नागरिक शासन विफल हो चुका है| कश्मीर को सेना के हवाले कर के ही स्थिति को अब नियंत्रण में लाया जा सकता है|
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बुरहान वानी के लिए बरखा दत्त ने चीख चीख कर कहा था कि एक गरीब मास्टर का मासूम बेटा मार दिया गया| उस बुरहान वानी की जगह नियुक्त हुए हिज़्बुल के ज़ाकिर मूसा ने अब खुलेआम ऐलान कर दिया है कि कश्मीर में लड़ाई इस्लामिक स्टेट बनाने और शरिया लागू करने के लिए है| कश्मीर में ये सारा तांडव केवल शरीयत लागू करने के लिए ही हो रहा है| इस दिशा में पहला कदम कश्मीरी पंडितों को घाटी से बाहर निकालना था|
अब यह स्पष्ट हो गया है कि कश्मीर की समस्या एक मज़हबी समस्या है, राजनीतिक नहीं|
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पूरा कश्मीर पकिस्तान को दे दो तो भी वह संतुष्ट नहीं होगा| उसका असली लक्ष्य तो पूरे भारत को पकिस्तान बनाना है|
कश्मीर को एक स्वतंत्र देश बना दो यह भी कोई स्थायी समाधान नहीं है| पाकिस्तान सैन्य आक्रमण कर के चीन की सहायता से उस पर अधिकार कर लेगा|
जब तक पकिस्तान का अस्तित्व है तब तक कश्मीर में कोई शांति स्थापित नहीं हो सकती|
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कश्मीर की समस्या का एक मात्र हल है ....... अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक और सैन्य सहयोग से पकिस्तान को चार टुकड़ों में बाँट दिया जाए| बलूचिस्तान, सिंध और कबायली इलाकों सहित पख्तूनख्वा को .... पंजाब से पृथक कर दिया जाए| पूरा पकिस्तान सिर्फ पाकिस्तानी पंजाब तक ही सीमित रह जाए|
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पाकिस्तान का अस्तित्व विश्व शांति के लिए खतरा है| पकिस्तान को नष्ट किये बिना विश्व में सुख-शांति नहीं हो सकती| भारत के हित में पाकिस्तान को विखंडित करना अति आवश्यक है|
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वन्दे मातरं | भारत माता की जय | ॐ ॐ ॐ ||
May 14, 2017.
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>>> भारत की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था में कश्मीर की समस्या का कोई हल नहीं है| इस के लिए अति सफल कूटनीति और दृढ़ इच्छा शक्ति की आवश्यकता है| यह कोई राजनीतिक समस्या नहीं है, बल्कि धार्मिक समस्या है|
>>> पूरा कश्मीर पकिस्तान को दे दो तो भी वह संतुष्ट नहीं होगा| उसका असली लक्ष्य तो पूरे भारत को पकिस्तान बनाना है|
>>> कश्मीर को एक स्वतंत्र देश बना दो यह भी कोई स्थायी समाधान नहीं है| पाकिस्तान सैन्य आक्रमण कर के चीन की सहायता से उस पर अधिकार कर लेगा|
>>> कश्मीर घाटी में सुन्नी मुसलमान अधिक हैं| वे पाकिस्तान में मिलना चाहते हैं| बाकी कश्मीर में शिया मुसलमान अधिक हैं जो भारत के साथ रहना चाहते हैं| जम्मू में हिदू बहुमत है, लद्दाख में बौद्ध बहुमत है जो भारत के साथ रहना चाहते हैं| असली समस्या कश्मीर घाटी में है|
>>> पाक अधिकृत कश्मीर में विशेषकर बाल्टीस्तान और गिलगिट में शिया बहुमत है जो पकिस्तान का साथ नहीं चाहते| पर फौजी ताकत से दबाकर उन्हें रखा गया है| पूर्व तानाशाह जिया-उल-हक ने पाक अधिकृत कश्मीर का जनसांख्यिकी परिवर्तन करने के लिए लाखों सुन्नियों को कश्मीर में बसाया ताकि शियाओं को दबा कर रखा जा सके|
>>> जब तक पकिस्तान का अस्तित्व है तब तक कश्मीर में कोई शांति नहीं हो सकती|
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>>> कश्मीर की समस्या का एक मात्र हल है ....... अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक और सैन्य सहयोग से पकिस्तान को चार टुकड़ों में बाँट दिया जाए| बलूचिस्तान, सिंध और कबायली इलाकों सहित पख्तूनख्वा को .... पंजाब से पृथक कर दिया जाए| पूरा पकिस्तान सिर्फ पाकिस्तानी पंजाब तक ही सीमित रह जाए|
>>> इसके लिए हमें अमेरिका, रूस, इजराइल, फ़्रांस और ईरान जैसे देशों से पूर्ण सक्रीय सहयोग भी लेना पड़ेगा| चीन को भी एक बार तो मनाना ही होगा|
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पकिस्तान का अस्तित्व विश्व शांति के लिए खतरा है| पकिस्तान को नष्ट किये बिना विश्व में सुख-शांति नहीं हो सकती|
>>> भारत के हित में पाकिस्तान को विखंडित करना अति आवश्यक है|
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वन्दे मातरं | भारत माता की जय | ॐ ॐ ॐ ||
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Aprl 17, 2017.
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कश्मीर की समस्या एक धार्मिक समस्या है, राजनीतिक नहीं ..... (Part 2). .......
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कश्मीर
की समस्या पर कल मैनें एक लेख लिखा था, तब से अब तक २४ घंटों के भीतर भीतर
ही स्थिति अत्यधिक बिगड़ चुकी है क्योंकि लोगों के दिमाग में बहुत अधिक ज़हर
घोला हुआ है| कश्मीर घाटी में सभी स्कूल कॉलेज आज बंद हैं, इन्टरनेट सेवा
भी बंद है और SMS सेवा भी बंद है| वहाँ पत्थरबाजी एक स्थापित उद्योग बन
चुका है|
पाकिस्तान से युद्ध तो अवश्यम्भावी है| पर भारत निर्णायक युद्ध अकेला नहीं लड़ सकेगा, किसी न किसी महाशक्ति को साथ में लेना ही होगा| इसका कारण नीचे लिख रहा हूँ|
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आज अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भारत आये हुए हैं| देखो क्या मंत्रणा होती है|
.
दो-एक वर्ष पूर्व सऊदी अरब और ईरान में बहुत अधिक तनाव था और युद्ध की सी स्थिति बन गयी थी| उस समय सऊदी अरब ने ३८ मुस्लिम देशों के सुन्नी सैनिकों को अपने यहाँ बुलाकर पूरे विश्व की एक सुन्नी मुस्लिम सेना बनाई थी जिसके सेनापति पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल राहील शरीफ हैं| इसका मुख्यालय रियाद में है| पकिस्तान की तो एक पूरी डिवीज़न इस सेना में है|
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अब पाकिस्तान और सऊदी अरब में एक युद्ध संधि है कि इनमें से किसी भी एक देश का यदि किसी तीसरे देश से युद्ध होता है तो दोनों की सेनाएँ साथ साथ लड़ेंगी| यदि भारत का पाकिस्तान से युद्ध होता है तो सऊदी अरब और उसकी यह मुस्लिम सेना भी पाकिस्तान के लिए लड़ेंगी|
भारत को घेरने के लिए सऊदी अरब ने मालदीव में एक द्वीप लीज पर लिया है जिस पर सऊदी अरब और पकिस्तान मिलकर एक नौसैनिक अड्डा बनायेंगे| यह भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान की एक चाल है| मालदीव की वर्तमान सरकार घोर भारत विरोधी है|
.
उपरोक्त चाल उसी तरह है जिस तरह चीन ने बंगाल की खाड़ी में म्यान्मार के कोको द्वीप पर एक सैनिक अड्डा बना रखा है और भारत पर वहाँ से दृष्टी रखता है| यह कोको द्वीप भारत का ही था जिसे भारत की ही एक पूर्व सरकार ने बर्मा को भेंट कर दिया था| भारत को घेरने के लिए चीन तो श्रीलंका और बंगलादेश में भी सैनिक अड्डे बनाना चाहता था, पर भारत की कूटनीति से सफल नहीं हुआ|
पर पाकिस्तान के साथ यदि भारत का युद्ध होता है तो चीन भी भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ सकता है| अतः भारत को महाशक्तियों का साथ तो लेना ही होगा|
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भारत का वर्त्तमान राजनीतिक नेतृत्व सक्षम है जो किसी भी स्थिति का सफलता से सामना कर लेगा|
इति|
April 18, 2017.
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कश्मीर की समस्या एक मजहबी समस्या है, राजनीतिक नहीं ....... (Part 3) ......
>
मैंने 17 अप्रेल को उपरोक्त शीर्षक से ही एक लेख लिखा था| आज उसी कड़ी में बदली हुई परिस्थितियों में समय की आवश्यकतानुसार यह दूसरा लेख लिख रहा हूँ|
हिजबुल मुज़ाहिदीन के मारे गए कमांडर जिस स्कूल ड्रोप आउट बुरहान बानी को आज सारे अलगाववादी और पाकिस्तान एक महान शहीद और कश्मीर का हीरो बता रहे हैं, उसी हिजबुल मुजाहिदीन के वर्तमान कमांडर ज़ाकिर मूसा (संयोग से वह भी इंजीनियरिंग की फाइनल परीक्षा में फेल और कॉलेज ड्रॉप आउट है) ने अब साफ़ साफ़ फ़रमाया है कि कश्मीर घाटी में जो मारकाट मचाई जा रही है उसका सम्बन्ध किसी आज़ादी की लड़ाई से नहीं है, बल्कि कश्मीर को इस्लामी निजाम-ए-मुस्तफा यानि इस्लामी राज्य बनाने से है| उसने अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं को चेतावनी भी दी है कि यदि उन्होंने कश्मीर की समस्या को राजनीतिक बताया तो उनके सिर कलम कर दिए जायेंगे|
(पढ़िए आज के "पंजाब केसरी" समाचार पत्र में श्री अश्विनी कुमार का लिखा विशेष सम्पादकीय "कश्मीर में 'इस्लामी' लड़ाई!")
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कश्मीर के अलगाववादी आजकल कश्मीर को सीरिया बनाने का प्रयास कर रहे हैं| कश्मीर में नागरिक शासन विफल हो चुका है| कश्मीर को सेना के हवाले कर के ही स्थिति को अब नियंत्रण में लाया जा सकता है|
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बुरहान वानी के लिए बरखा दत्त ने चीख चीख कर कहा था कि एक गरीब मास्टर का मासूम बेटा मार दिया गया| उस बुरहान वानी की जगह नियुक्त हुए हिज़्बुल के ज़ाकिर मूसा ने अब खुलेआम ऐलान कर दिया है कि कश्मीर में लड़ाई इस्लामिक स्टेट बनाने और शरिया लागू करने के लिए है| कश्मीर में ये सारा तांडव केवल शरीयत लागू करने के लिए ही हो रहा है| इस दिशा में पहला कदम कश्मीरी पंडितों को घाटी से बाहर निकालना था|
अब यह स्पष्ट हो गया है कि कश्मीर की समस्या एक मज़हबी समस्या है, राजनीतिक नहीं|
.
पूरा कश्मीर पकिस्तान को दे दो तो भी वह संतुष्ट नहीं होगा| उसका असली लक्ष्य तो पूरे भारत को पकिस्तान बनाना है|
कश्मीर को एक स्वतंत्र देश बना दो यह भी कोई स्थायी समाधान नहीं है| पाकिस्तान सैन्य आक्रमण कर के चीन की सहायता से उस पर अधिकार कर लेगा|
जब तक पकिस्तान का अस्तित्व है तब तक कश्मीर में कोई शांति स्थापित नहीं हो सकती|
.
कश्मीर की समस्या का एक मात्र हल है ....... अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक और सैन्य सहयोग से पकिस्तान को चार टुकड़ों में बाँट दिया जाए| बलूचिस्तान, सिंध और कबायली इलाकों सहित पख्तूनख्वा को .... पंजाब से पृथक कर दिया जाए| पूरा पकिस्तान सिर्फ पाकिस्तानी पंजाब तक ही सीमित रह जाए|
.
पाकिस्तान का अस्तित्व विश्व शांति के लिए खतरा है| पकिस्तान को नष्ट किये बिना विश्व में सुख-शांति नहीं हो सकती| भारत के हित में पाकिस्तान को विखंडित करना अति आवश्यक है|
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वन्दे मातरं | भारत माता की जय | ॐ ॐ ॐ ||
May 14, 2017.
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