Tuesday, 7 February 2017

मनुष्य की शाश्वत जिज्ञासाओं का समाधान मनुष्य के शांत मन व ह्रदय में ही है .....

मनुष्य की शाश्वत जिज्ञासाओं का समाधान मनुष्य के शांत मन व ह्रदय में ही है|
ॐ ॐ ॐ ||
ब्रह्मांड अपना सौन्दर्य हमारी ही आँखों से देखता है|
ब्रह्मांड अनंत प्रेम की अनुभूति हमारे ह्रदय ही से करता है|
ब्रह्मांड सत्य का बोध हमारे ही स्पर्श से करता है|
ब्रह्मांड की मुस्कान हमारे ही आनंद से है|
ब्रह्मांड को अपनी महानता का ज्ञान हमारी ही आत्मा से होता है|
ब्रह्मांड अपनी जीवन्तता का उत्सव हमारे ही जीवन से मनाता है|
सब कुछ हमारे द्वारा ही|
पर यह तभी संभव है जब हमारा मन शांत हो व ह्रदय परम प्रेम से भरा हो|
नमस्ते !ॐ ॐ ॐ |
कृपा शंकर

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