इस सृष्टि में कुछ भी निराकार नहीं है| जो भी सृष्ट हुआ है उसका कोई न
कोई आकार अवश्य है चाहे वह किसी प्रतीक के रूप में हो, प्रकाश के रूप में
हो या ध्वनि के रूप में| यह भी हो सकता है कि उसके आकार को समझना हमारी
ज्ञानेन्द्रियों की क्षमता से परे हो| परमात्मा साकार भी है, निराकार भी है
और इनसे परे भी है|
किसी भी तरह के विवाद में न पड़ते हुए अपनी गुरु परम्परा के अनुसार पूरी निष्ठा और समर्पण भाव से उपासना करो| कोई शंका संदेह हो तो उसका निवारण करने की अपने गुरु से प्रार्थना करो|
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
किसी भी तरह के विवाद में न पड़ते हुए अपनी गुरु परम्परा के अनुसार पूरी निष्ठा और समर्पण भाव से उपासना करो| कोई शंका संदेह हो तो उसका निवारण करने की अपने गुरु से प्रार्थना करो|
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
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