Monday, 13 February 2017

हृदय की एक घनीभूत पीड़ा व्यक्त हुई है .....

मैं सुदर्शन चक्रधारी भगवान श्रीकृष्ण और धनुर्धारी भगवान श्रीराम को नमन करता हूँ जिन्होंने आतताइयों के संहार के लिए अपने हाथों में अस्त्र धारण कर रखे हैं| उनकी चेतना सभी भारतवासियों में जागृत हो| ॐ ॐ ॐ ||
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भारत की प्रत्येक नारी आत्मरक्षा में प्रवीण हो, आतताई के प्राण लेने में भी सक्षम हो, और सदैव अपनी अस्मिता की रक्षा हेतु आत्मोत्सर्ग करने में भी तत्पर हो|
उसे सदा यह बोध रहे कि जीवन में मृत्यु में हर परिस्थिति में भगवान शिव की शक्ति निरंतर उसकी रक्षा कर रही है और करेगी|
हर नारी अबला नहीं सबला बने, भोग्या नहीं पूज्या बने, धर्मरक्षिका बने| ॐ ॐ ॐ ||
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यदि हम आत्मरक्षा करने में समर्थ नहीं हैं, संगठित नहीं हैं, हमारे में समाज व राष्ट्र की चेतना नहीं है, हमारे में आत्म-सम्मान नहीं है, तो हमारा वैभव, समृद्धि, संस्कृति, धर्म, घर-परिवार कुछ भी सुरक्षित नहीं है| न तो हमारे साधू-संत बचेंगे, न हमारे धर्मग्रन्थ, न हमारे देवालय, हमारा भौतिक अस्तित्व भी नहीं बचेगा|
भारत का कितना वैभव था, उस पर विचार करें| हमारी यह स्थिति कैसे हुई उस पर भी विचार करें|
आज जब हमारी अस्मिता पर मर्मान्तक प्रहार हो रहे हैं, तब हमें आत्म-रक्षा में समर्थ और संगठित होना ही होगा|
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अखंड भारत में कितना वैभव था, कितने भव्य मंदिर थे, कितनी महान संस्कृति थी, ज्ञान-विज्ञान की पराकाष्ठा थी, हमारे कितने गुरुकुल थे, कितने महान आचार्य थे, पर आज वह सब कहाँ है? हम क्यों पददलित हुए? हमारा अस्तित्व और हमारी अस्मिता प्रभु की परम कृपा से ही थोड़ी बहुत बची है| उस पर भी आसुरी शक्तियाँ प्रहार कर रही हैं| हमारा राष्ट्रीय स्वाभिमान इतना अधिक क्यों गिर गया है?
चेतना का हमारा स्तर इतना अधिक गिर गया है कि हम अपने अस्तित्व की रक्षा के प्रति भी निरपेक्ष बने हुए हैं|
कहीं न कहीं से कुछ न कुछ हमें पुनः आरम्भ करना ही होगा| हम अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ क्या कर सकते हैं, इस पर हमें विचार करना ही होगा| ॐ ॐ ॐ ||
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हम आत्महीनता के बोध से मुक्त हों| हमें अपने धर्म और संस्कृति पर अभिमान हो| यह हमारा धर्म ही है जो अहैतुकी भक्ति और परोपकार की शिक्षा देता है| अन्य सभी मतों ने परोपकार के नाम पर परपीडन ही किया है| अन्य मत एक तरह की सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्थाएं हैं जिन्होंने अपने मत का उपयोग अपने साम्राज्य विस्तार और अर्थलोलूपता के लिए किया है|
हम विदेशी प्रभाव से मुक्त हों| गर्व से कहो हम हिन्दू हैं| सत्य सनातन धर्म की जय| ॐ ॐ ॐ

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