Monday, 13 February 2017

हमारी रक्षा कैसे हो ? .......
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यह एक अनुभूत सत्य है| इसके लिए हमें भावजगत में जाना होगा और परमात्मा से जुड़ना होगा| एक भाव निरंतर रखने का अभ्यास करें कि भगवान श्रीराम हर समय हमारी रक्षा कर रहे हैं| भगवान का वचन है .....
"सकृदेव प्रपन्नाय तवास्मीति च याचते| अभयं सर्वभूतेभ्यो ददाम्येतद् व्रतं मम||"
(He who seeks refuge in me just once, telling me that “I am yours”, I shall give him assurance of safety against all types of beings. This is my solemn pledge)
भगवान ने यहाँ तक कहा है कि ....... “यदि वा रावणः स्वयम्” ........ यदि रावण स्वयं भी मेरी शरण में आ जाए तो उसे भी मैं अभय दूंगा|
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हिन्दू बालिकाओं को तो निरंतर यह अपनी स्मृति में रखना चाहिए|
यदि आप किसी अन्य इष्टदेव के रूप को मानना चाहते हैं तो भी कोई बात नहीं| भगवान शिव या माँ दुर्गा का त्रिशूल, भगवान श्रीकृष्ण का सुदर्शन चक्र, या हनुमान जी स्वयं निरंतर आपकी रक्षा कर रहे हैं| महत्त्व है निरंतर स्मरण और श्रद्धा-भक्ति का|
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ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||

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