धारणा व ध्यान .....
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मेरा कोई लक्ष्य नहीं है, मेरे लिए कोई उपलब्धि नहीं है| हर लक्ष्य, हर उपलब्धि मैं स्वयं हूँ| मैं शाश्वत और सम्पूर्ण अस्तित्व हूँ| मैं परमात्व तत्त्व हूँ| मैं यह देह नहीं बल्कि असीम सम्पूर्ण अनंतता हूँ| मेरे सिवा कोई अन्य नहीं है|
शिव शिव शिव | शिवोहं शिवोहं अहं ब्रह्मास्मि | ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ||
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सारी सृष्टि परमात्मा का साकार रूप है| सम्पूर्ण अस्तित्व परमात्मा है| विविधता उसकी लीला है|
यह मैं, मेरे गुरु और परमात्मा सब एक हैं, उनमें कोई भेद नहीं है| पृथकता का बोध माया है|
ॐ ॐ ॐ ||
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मेरा कोई लक्ष्य नहीं है, मेरे लिए कोई उपलब्धि नहीं है| हर लक्ष्य, हर उपलब्धि मैं स्वयं हूँ| मैं शाश्वत और सम्पूर्ण अस्तित्व हूँ| मैं परमात्व तत्त्व हूँ| मैं यह देह नहीं बल्कि असीम सम्पूर्ण अनंतता हूँ| मेरे सिवा कोई अन्य नहीं है|
शिव शिव शिव | शिवोहं शिवोहं अहं ब्रह्मास्मि | ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ||
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सारी सृष्टि परमात्मा का साकार रूप है| सम्पूर्ण अस्तित्व परमात्मा है| विविधता उसकी लीला है|
यह मैं, मेरे गुरु और परमात्मा सब एक हैं, उनमें कोई भेद नहीं है| पृथकता का बोध माया है|
ॐ ॐ ॐ ||
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