Friday 5 August 2016

सिर्फ बलशाली की ही पूछ होती है .......

सिर्फ बलशाली की ही पूछ होती है .......
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प्रिय मित्रो, नमस्ते !
भारत पर हुए चीनी आक्रमण के कुछ वर्षों के बाद की बात है| डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन चीन गए थे और चीन के राष्ट्र प्रमुख माओत्सेतुंग से मिले| उन्होंने माओ को भारतीय दर्शन --- वेदांत और गीता आदि की अनेक अच्छी अच्छी बातें बताईं| माओ ने सब बातें बड़े ध्यान से सुनी और डा.राधाकृष्णन से दो प्रश्न किये औए एक बात और कही जिसके बाद डा.राधाकृष्णन चुप हो गए और कुछ भी नहीं बोल सके|
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माओ ने पहला प्रश्न किया कि १९४८ के भारत-पाक युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया था फिर भी आधा कश्मीर पकिस्तान के कब्जे में क्यों है?
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माओ का दूसरा प्रश्न था कि आप युद्ध में हम से पराजित क्यों हो गए? आपके आध्यात्म, दर्शन और धर्म की बड़ी बड़ी बातें किस काम आईं?
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अंतिम बात माओ ने यह कही कि बहुत शीघ्र ही हम भारत से अक्साईचिन छीन लेंगे| आपमें हिम्मत है तो रोक कर दिखा देना| चीन ने वह भी कर के दिखा दिया क्योंकि हम बलहीन थे|
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हिंदी की एक बहुत प्रसिद्द कविता की पंक्ति है -
"क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो|"
हमारी विश्व शांति की बड़ी बड़ी बातें, बड़े बड़े उपदेश और झूठा दिखावा सब व्यर्थ हैं यदि हम बलहीन हैं|
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भारत पर यूनानी आकमण हुआ तब पौरुष से पराजित हुई यूनानी फौजें भाग खड़ी हुईं जब उन्हें पता चला कि मगध साम्राज्य की सेनाएं लड़ने आ रही हैं| फिर कई शताब्दियों तक किसी का साहस नहीं हुआ भारत की और आँख उठाकर देखने का|
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भारत में इस्लाम और ईसाई मत किसी संत महात्मा द्वारा नहीं आए| ये आये क्रूरतम आतंक और प्रलोभन द्वारा| हम सिर कटाते रहे और 'अहिंसा परमोधर्म' का जप करते रहे| यह गलत धारणा भर दी गई कि युद्ध करना सिर्फ क्षत्रियों का काम है| यदि पूरा हिंदू समाज एक होकर मुकाबला करता तो किसी का साहस नहीं होता हिन्दुस्थान की ओर नज़र उठाकर देखने का|
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समय के साथ हम अपनी मान्यताओं और सोच को नहीं बदल सके|
वर्तमान में हम फिर संकट में हैं| हमें सब तरह के भेदभाव मिटाकर एक होना होगा और शक्ति-साधना करनी होगी, तभी हम अपना अस्तित्व बचा पाएंगे| अपने सोये हुए क्षत्रियत्व और ब्रह्मत्व को जागृत करना होगा|
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धर्मगुरुओं और आचार्यों से निवेदन है कि वे हिंदू समाज का मार्गदर्शन करें| अन्यथा सनातन हिंदू धर्म नहीं बचेगा और ये दर्शन और आध्यात्म की बातें निराधार हो जायेंगी|
ओम् |

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