Saturday, 11 January 2025

भारत में बढ़ रही शराब के नशे की प्रवृति बड़ी दुखद है .....

समाज के हर वर्ग में, क्या अमीर और क्या गरीब,यहाँ तक कि महिलाओं में भी पनप रही शराब पीने की प्रवृति बड़ी दुखद है| यह भ्रष्टाचार से भी अधिक भयावह है| यह भारत को खोखला कर रही है|
भारत में अंग्रेजों के आने से पूर्व मद्यपान बहुत कम लोग करते थे| अंग्रेजों ने इसे लोकप्रिय बनाया|
अंग्रेजों के आने से पूर्व नशा करने वाले भांग खाते थे और गांजा पीते थे जो बहुत कम हानि करता था| अमेरिका में तो एक समय भांग बहुत लोकप्रिय थी और वहां की सरकार इसके उत्पादन को प्रोत्साहन देती थी| भाँग गांजे के पौधे जंगली पौधे थे जिन पर लोग अपने पैसे बर्बाद नहीं करते थे, अपनी पत्नियों को नहीं पीटते थे, और किसी का कोई नुकसान नहीं करते थे| पर सरकार को इसमें कोई टेक्स नहीं मिलता था इसलिए सरकारों ने इस पर प्रतिबन्ध लगा दिया| शराब की बिक्री से सरकार को 40% कर मिलता है इसलिए सरकारें शराब को प्रोत्साहन देती हैं|
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अब यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो रहा है कि भांग और गांजे से शराब के मुकाबले बहुत ही कम नुकसान होता है| भारत में साधू संत अति प्राचीन काल से भांग गांजे का सेवन करते आ रहे हैं| इसमें कोई बुराई नहीं है|
तम्बाकू खाकर अनेक लोग मरे हैं पर गांजा पीकर पूरे विश्व के इतिहास में आज तक एक भी व्यक्ति नहीं मरा है| सिमित मात्रा में नियमित भांग खाने वालों ने बहुत लम्बी उम्र पाई है|
अब अमेरिका में भांग गांजे पर से प्रतिबन्ध हटाने की माँग उठ रही है| वहाँ जब इस पर से प्रतिबन्ध हट जाएगा तो भारत में भी हट जाएगा क्योंकि हम हर बात में पश्चिम की नकल करते हैं, और पश्चिम की नक़ल कर के ही शराबखोरी को प्रोत्साहन दे रहे हैं|
प्राचीन भारत के राजा बड़े गर्व से कहते थे कि मेरे राज्य में कोई चोर नहीं है और कोई शराब नहीं पीता|
भारत में एक दिन ऐसा अवश्य आयेगा जब कोई चोर नहीं होगा व कोई दुराचारी और शराबी नहीं होगा|
जय श्री राम | ॐ ॐ ॐ ||
११ जनवरी २०१६

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