"भगवान की भक्ति" सबसे अधिक संक्रामक छूत का रोग है| इसका वायरस, कोरोना से भी अधिक संक्रामक और खतरनाक है| अन्य रोगों का उपचार तो है, लेकिन इसका कोई उपचार नहीं है| आज तक कोई ऐसा डॉक्टर नहीं जन्मा है जो इस संक्रामक रोग का उपचार कर सके| अतः ऐसी महफ़िलों में मत जाइये जहाँ भगवान के भक्त जाते हैं| उन से दूरी बनाकर रखें| आज तक मैं सब को यही उपदेश देता था कि भगवान की भक्ति करो, भक्ति करो, भक्ति करो आदि आदि| पर आज कह रहा हूँ कि भगवान से अधिक खतरनाक अन्य कोई नहीं है|
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भगवान सबसे पहिले तो किसी का दिल चुराते हैं, फिर उसका मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार सब कुछ इस तरह चुपचाप चुरा लेते हैं कि अगले को पता ही नहीं चलता| जब तक वह होश में आता है तब तक पाता है कि मुझका-मेरा कुछ भी नहीं बचा है, सब कुछ लुट चुका है|
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अतः सावधान रहें| दुनियाँ में खूब कमाओ, खूब खाओ, खूब मजे लो और खूब मौज-मस्ती करो| भगवान के चक्कर में पड़ गये तो खुद के पास कुछ भी नहीं बचेगा, सब कुछ भगवान का हो जाएगा| जिस किसी को भगवान की भक्ति की बीमारी लग जाती है, उसे सर्वत्र भगवान ही भगवान दिखाई देने लगते हैं, दुनियादारी के किसी काम का वह नहीं रहता| मैं खुद भुक्तभोगी हूँ इसलिए सबको सावधान कर रहा हूँ| अब तो मजबूर हूँ, भगवान, दिल और दिमाग सब पर छा गये हैं, दुनियाँ के किसी काम का नहीं रहा हूँ|
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आप सब ने मेरा यह आलेख बड़े प्रेम से मन लगाकर पढ़ा है, इसके लिए मैं आप सब का आभारी हूँ| भगवान आप सब का भला करे|
ॐ तत्सत्!! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय!! ॐ नमः शिवाय!! ॐ ॐ ॐ!!
कृपा शंकर
२ जनवरी २०२१
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