राधाष्टमी और दधीचि-जयंती पर श्रद्धालुओं का अभिनंदन !!
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"गोपाल सहस्रनाम" के अनुसार एक ही शक्ति के दो रूप है राधा और माधव (श्रीकृष्ण) -- अर्थात् श्रीराधा ही श्रीकृष्ण हैं, और कृष्ण ही राधा हैं --
"तस्माज्ज्योतिरभूद्द्वेधा राधामाधवरूपकम्।"
वैष्णव निंबार्क संप्रदाय और चैतन्य महाप्रभु के अनुयायियों में श्रीराधा जी की आराधना मुख्य होती है।
महर्षि दधीचि एक वैदिक ऋषि थे। इन्हीं की हड्डियों से बने वज्र से इंद्र ने वृत्रासुर का संहार किया था।
१४ सितंबर २०२१
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