Tuesday 14 September 2021

हमारा धर्म ही हमारी रक्षा करेगा ---

 

हमारा धर्म ही हमारी रक्षा करेगा ---
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विश्व के दानव समाज (मार्क्सवादी, चर्चवादी, और शैतान पूजक गोपनीय समूहों) द्वारा अमेरिका में आज १० से १३ सितंबर २०२१ से एक ३ दिवसीय Dismantling Global Hindutva यानि "हिन्दुत्व का विध्वंस करो" नाम का एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसका लक्ष्य है पूरे विश्व से हिन्दुत्व को उखाड़ फेंकना। इस कार्यक्रम के आयोजक चर्च की सहायता से चलाये जा रहे कई बड़े-बड़े विश्वविद्यालय हैं। इन असुरों का लक्ष्य भारत से हिन्दुत्व को सदा के लिए नष्ट करना है।
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इस तरह के राक्षसी प्रवृति के लोग पहले भी हुए हैं, और कई बार इंन्होंने अपने दानव समाज का राज्य स्थापित करने का प्रयास किया है। ये कभी सफल नहीं होंगे। हम अपने धर्म पर दृढ़ रहेंगे और पूर्ण सत्यनिष्ठा से धर्म का पालन करते हुए उसकी रक्षा करेंगे। इस समय तो हमारी रक्षा स्वयं भगवान कर रहे हैं, लेकिन अंततः हमारा धर्म ही हमारी रक्षा करेगा।
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विश्व के दानव समाज को हिन्दुत्व पसंद नहीं है। संयुक्त राष्ट्र दानवाधिकार आयोग भी उन्हीं के अधिकार में है। विश्व की ही नहीं, भारत की मीडिया पर भी उन्हीं का अधिकार है। भारत की मीडिया भारत का नहीं, दानवों का हित देखती है। उदाहरण के लिए सन १९७१ ई⋅ में २४ लाख से बहुत अधिक हिन्दुओं को पाकिस्तानी सेना ने पूर्वीं पाकिस्तान में मार डाला था। सारे संसार की मीडिया चुप थी। कहीं किसी ने कुछ लिखा भी तो लाख को हजार लिखा और हिन्दू को बंगाली लिखा।
हिन्दुओं की शिकायत अन्य कोई नहीं सुनेगा। हिन्दुओं को स्वयं जागना पड़ेगा।
ॐ तत्सत् !!
१० सितंबर २०२१
आत्मा शाश्वत है। जीवात्मा अपने संचित व प्रारब्ध कर्मफलों को भोगने के लिए बार-बार पुनर्जन्म लेती है। मनुष्य जीवन का लक्ष्य ईश्वर की प्राप्ति है। जब तक ईश्वर की प्राप्ति नहीं होती तब तक संचित और प्रारब्ध कर्मफलों से कोई मुक्ति नहीं है। ये सनातन नियम हैं जो इस सृष्टि को चला रहे हैं। यह हमारा सनातन धर्म है।
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विश्व के धन-पिशाच आसुरी दानव समाज ने १० से १३ सितंबर २०२१ तक अमेरिका में एक ३ दिवसीय "Dismantling Global Hindutva" यानि "हिन्दुत्व का विध्वंस करो" नाम का एक कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसका लक्ष्य पूरे विश्व से हिन्दुत्व को उखाड़ फेंकना था। इस कार्यक्रम के आयोजक मार्क्सवादियों और चर्च की सहायता से चलाये जा रहे कई बड़े-बड़े विश्वविद्यालय थे। इन असुरों का लक्ष्य विश्व से सनातन धर्म व संस्कृति को नष्ट करना है। इस तरह के राक्षसी प्रवृति के लोग पहले भी हुए हैं, और कई बार इन्होंने अपने दानव समाज का राज्य स्थापित करने का प्रयास किया है। ये कभी सफल नहीं होंगे।
१४ सितंबर २०२१
 

1 comment:

  1. मुझे गर्व है कि मैं सत्य सनातन-धर्म का अनुयायी हूँ। कोई माने या न माने, लेकिन यह सत्य है कि यह सृष्टि अपरिवर्तनीय सत्य-सनातन नियमों के आधार पर चल रही है। यही सनातन धर्म है। इसके आधार हैं -- आत्मा की शाश्वतता, कर्मफल, पुनर्जन्म, माया, भक्ति, समर्पण, आध्यात्म, और भगवत्-प्राप्ति। यह यम (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह), और नियमों (शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय, ईश्वर प्रणिधान) से अनुशासित है। यह सम्पूर्ण सृष्टि के लिए कल्याणकारी है। हम सब गर्व से सनातन धर्म का पालन करेंगे, और भारत राष्ट्र को भी सनातन धर्म से अनुशासित रखेंगे, क्योंकि इसी में सृष्टि का कल्याण है।
    ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
    १९ सितंबर २०२१

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