Wednesday 12 September 2018

माँ भगवती .....

माँ भगवती .....
अनंत काल से पता नहीं कितने अज्ञात जन्मों में उनकी ममतामयी गोद में सदा हमारी रक्षा हुई है| हम उनकी अनंत, पूर्ण और सर्वव्यापक बाहों में पूर्णतः सुरक्षित हैं| अच्छा या बुरा, हमारे साथ कभी कुछ भी नहीं हो सकता, जब तक उनकी सहमति न हो| नष्ट होते हुए विश्व व टूटते हुए ब्रह्मांडों के मध्य भी हम सुरक्षित हैं, कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, हमें छू भी नहीं सकता, जब तक वे हमारे हृदय में हैं| उनकी ममतामयी गोद में हम पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं| उनका प्रेमसिन्धु इतना विराट है जिसमें हमारी हिमालय जैसी भूलें भी एक कंकर-पत्थर से अधिक नहीं हैं|
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लक्ष्य और अनुभव ........
अनंत कोटि सूर्यों की ज्योति से भी अधिक आभासित हमारा लक्ष्य निरंतर हमारे समक्ष रहे| इधर-उधर दायें-बाएँ कहीं अन्यत्र कुछ है ही नहीं| सर्वत्र वही ज्योति है| वह ज्योतिषांज्योति हम स्वयं हैं| ॐ तत्सत् !
कृपा शंकर
९ सितम्बर २०१८

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