Wednesday 12 September 2018

ज्ञानी, भक्त और भगवान कौन हैं ?

ज्ञानी, भक्त और भगवान कौन हैं ?
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(१) प्रश्न :-- ज्ञानी कौन है ?
उत्तर :-- जो समभाव में स्थित है वह ही ज्ञानी है| विश्व की सारी धन-संपदा मिल जाए तो भी कोई हर्ष न हो, किसी भी तरह का लोभ न हो, सुख-दुःख, जीवन-मृत्यु आदि किसी भी तरह की परिस्थिति में विचलित न हो, वह ही ज्ञानी है|
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(२) प्रश्न :-- भक्त कौन है ?
उत्तर :-- जिस के हृदय में परम प्रेम है, जो सत्यपरायण है, जिसने कामनाओं व वासनाओं पर विजय पा ली है, वह ही भक्त है| झूठ बोलने वाला व्यक्ति कभी भक्त नहीं हो सकता, उसका भक्ति का दिखावा पाखण्ड है|
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(३) प्रश्न :-- भगवान कौन हैं ?
उत्तर : भगवान सत्य हैं| एकमात्र सत्य भगवान ही हैं| भगवान सत्यनारायण हैं| यह अनुभूति का विषय है, बौद्धिक नहीं| भगवान ही एकमात्र सत्य हैं| यह बात ध्यान में ही समझ में आती है, अतः इस पर बौद्धिक चर्चा करना व्यर्थ है| विष्णु पूराण के अनुसार "भगवान" शब्द का अर्थ है -----
"ऐश्वर्यस्य समग्रस्य धर्मस्य यशसः श्रियः|
ज्ञानवैराग्योश्चैव षण्णाम् भग इतीरणा||" –विष्णुपुराण ६ |५ | ७४
सम्पूर्ण ऐश्वर्य धर्म, यश, श्री, ज्ञान, तथा वैराग्य यह छः सम्यक् पूर्ण होने पर `भग` कहे जाते हैं, और इन छः की जिसमें पूर्णता है, वह भगवान है|
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सभी को नमन ! ॐ तत्सत् !
कृपा शंकर
१२ सितम्बर २०१८

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