ध्यान साधना में धीरे धीरे हर दृश्य के पीछे सिर्फ .... (१) ऊर्जा
(Energy), (२) आवृति (Frequency), और (३) स्पंदन (Vibration) की ही
अनुभूतियाँ होने लगती हैं| जो दिखाई दे रहा है वह सत्य नहीं है, जो सत्य है
वह दिखाई नहीं दे रहा है|
यह शरीर रूपी वाहन जो भगवान ने लोकयात्रा के लिए दिया है, वह अलग अलग आवृतियों पर हो रहा ऊर्जा का एक स्पंदन मात्र ही है| सारी भौतिक सृष्टि ही ऊर्जा का अलग अलग आवृतियों पर स्पंदन है| इसके पीछे एक चेतना है, और उस चेतना के पीछे एक विचार है| वह विचार “एकोहं बहुस्याम” ही परमात्मा का संकल्प है| हम यह देह नहीं परमात्मा का एक संकल्प, और परमात्मा के साथ एक हैं| ॐ ॐ ॐ !!
यह शरीर रूपी वाहन जो भगवान ने लोकयात्रा के लिए दिया है, वह अलग अलग आवृतियों पर हो रहा ऊर्जा का एक स्पंदन मात्र ही है| सारी भौतिक सृष्टि ही ऊर्जा का अलग अलग आवृतियों पर स्पंदन है| इसके पीछे एक चेतना है, और उस चेतना के पीछे एक विचार है| वह विचार “एकोहं बहुस्याम” ही परमात्मा का संकल्प है| हम यह देह नहीं परमात्मा का एक संकल्प, और परमात्मा के साथ एक हैं| ॐ ॐ ॐ !!
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१३ अगस्त २०१८
कृपा शंकर
१३ अगस्त २०१८
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