Tuesday 17 April 2018

जम्मू-कश्मीर की समस्या एक धार्मिक समस्या है, राजनीतिक नहीं .....

जम्मू-कश्मीर की समस्या एक धार्मिक समस्या है, राजनीतिक नहीं .....
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भारत की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था में कश्मीर की समस्या का कोई हल नहीं है| इस के लिए अति सफल कूटनीति और दृढ़ इच्छा शक्ति की आवश्यकता है| यह कोई राजनीतिक समस्या नहीं है, बल्कि धार्मिक समस्या है| जम्मू-कश्मीर में पुलिस भी थी, सेना भी थी, न्यायालय भी था, सरकार भी थी, दिल्ली में केंद्र सरकार भी थी, माननीय सुप्रीम कोर्ट भी थी, और समाचार मीडिया भी थी, फिर भी रातों-रात लाखों हिन्दुओं को मार-काट कर वहाँ से भगा दिया गया, उनकी महिलाओं की अत्यधिक दुर्गति की गयी और अनगिनत हत्याएँ हुईं| किसी भी वैधानिक संस्था ने उनकी कोई सहायता नहीं की| उपरोक्त सब वैधानिक संस्थाएँ पूर्ण रूप से विफल रहीं| आज तक कश्मीरी हिन्दू विस्थापितों को उनकी भूमि बापस नहीं दिलाई गयी| किसी भी जिम्मेदार अपराधी को आज तक कोई सजा नहीं मिली है| अब लगता है जम्मू को भी हिन्दू-विहीन करने का षडयंत्र हो रहा है| केंद्र सरकार की निष्क्रियता गलत सन्देश दे रही है| यह अक्षम्य अपराध है|
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पूरा कश्मीर पकिस्तान को दे दो तो भी वह संतुष्ट नहीं होगा| उसका असली लक्ष्य तो पूरे भारत को पकिस्तान बनाना है| कश्मीर को एक स्वतंत्र देश बना दो यह भी कोई स्थायी समाधान नहीं है| पाकिस्तान सैन्य आक्रमण कर के चीन की सहायता से उस पर अधिकार कर लेगा| कश्मीर घाटी में सुन्नी मुसलमान अधिक हैं, वे पाकिस्तान में मिलना चाहते हैं| बाकी कश्मीर में शिया मुसलमान अधिक हैं जो भारत के साथ रहना चाहते हैं| जम्मू में हिदू बहुमत है, लद्दाख में बौद्ध बहुमत है जो भारत के साथ रहना चाहते हैं| असली समस्या कश्मीर घाटी में है| पाक अधिकृत कश्मीर में विशेषकर बाल्टीस्तान और गिलगिट में शिया बहुमत है जो पकिस्तान का साथ नहीं चाहते| पर फौजी ताकत से दबाकर उन्हें रखा गया है| पूर्व तानाशाह जिया-उल-हक ने पाक अधिकृत कश्मीर का जनसांख्यिकी परिवर्तन करने के लिए लाखों सुन्नियों को कश्मीर में बसाया ताकि शियाओं को दबा कर रखा जा सके| जब तक पकिस्तान का अस्तित्व है तब तक कश्मीर में कोई शांति नहीं हो सकती|
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कश्मीर की समस्या का एक मात्र हल है ....... अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक और सैन्य सहयोग से पकिस्तान को चार टुकड़ों में बाँट दिया जाए| बलूचिस्तान, सिंध और कबायली इलाकों सहित पख्तूनख्वा को .... पंजाब से पृथक कर दिया जाए| पूरा पकिस्तान सिर्फ पाकिस्तानी पंजाब तक ही सीमित रह जाए| इसके लिए हमें अमेरिका, रूस, इजराइल, फ़्रांस और ईरान जैसे देशों से पूर्ण सक्रीय सहयोग भी लेना पड़ेगा| चीन को भी एक बार तो मनाना ही होगा| पकिस्तान का अस्तित्व विश्व शांति के लिए खतरा है| पकिस्तान को नष्ट किये बिना विश्व में सुख-शांति नहीं हो सकती| भारत के हित में पाकिस्तान को विखंडित करना अति आवश्यक है|
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उस से पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्य को तीन भागों में विभाजित किया जाय| जम्मू एक अलग राज्य हो, लेह-लद्दाख मिलाकर एक अलग राज्य हो और कश्मीर एक अलग राज्य हो| भविष्य में पकिस्तान अधिकृत कश्मीर भी वर्तमान कश्मीर का ही भाग हो| पकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर अधिकार लेने के लिए अमेरिका का सहयोग आवश्यक होगा क्योंकि गिलगिट में एक बहुत बड़ा अमेरिकी सैनिक अड्डा है|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ ||
१७ अप्रेल २०१७
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1 comment:

  1. जो मत अपने मतावलंबियों को धर्म के नाम पर दूसरों से घृणा करना, उन्हें आतंकित करना व उनकी ह्त्या करना सिखाते हैं, निकट भविष्य में उनका नाश होना निश्चित है| वे सब आपस में ही लड़कर नष्ट हो जायेंगे| यह प्रक्रिया विश्व में आरम्भ हो चुकी है|

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