Tuesday 5 December 2017

श्रीमाता श्रीमहाराज्ञी श्रीमत्सिंहासनेश्वरी, चिद्ग्निकुण्डसम्भूता देवकार्यसमुद्यता .....

श्रीमाता श्रीमहाराज्ञी श्रीमत्सिंहासनेश्वरी, चिद्ग्निकुण्डसम्भूता देवकार्यसमुद्यता .....
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आध्यात्मिक और काव्यात्मक दृष्टी से जगन्माता का सर्वाधिक प्रभावशाली और सर्वश्रेष्ठ स्तोत्र है "श्रीललिता सहस्रनाम" जो ब्रह्माण्ड पुराण का अंश है| ब्रह्माण्ड पुराण के उत्तर खण्ड में "ललितोपाख्यान" के रूप में भगवान हयग्रीव और महामुनि अगस्त्य के संवाद के रूप में इसका विवेचन मिलता है| कुछ भक्त इसकी रचना का श्रेय लोपामुद्रा को देते हैं जो अगस्त्य ऋषि की पत्नी थीं| जो भी हो यह स्तोत्र उतना ही शक्तिशाली है जितना "विष्णु सहस्त्रनाम" या "शिव सहस्त्रनाम" है| इसको समझकर सुनते ही कोई भी निष्ठावान साधक स्वतः ही ध्यानस्थ हो जाएगा| ध्यान से पूर्व इस स्तोत्र को सुनने या पढ़ने से बड़ी शक्ति मिलती है| साधनाकाल के आरम्भ में यह स्तोत्र मैं नित्य सुना करता था जिससे मुझे बड़ी शक्ति मिलती थी| मैनें अपनी दोनों पुत्रियों के नाम भी इसी स्तोत्र का पाठ सुनते हुए ही रखे थे|
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इसके अनेक ऑडियो और विडिओ विभिन्न भक्त गायकों द्वारा गाये हुए बाज़ार में उपलब्ध हैं| यू ट्यूब पर भी इसके अनेक संस्करण उपलब्ध हैं| आपको जिस भी गायक/गायिका की आवाज़ अच्छी लगे उस का ऑडियो खरीद लें या यू ट्यूब से डाउन लोड कर लें, फिर नित्य उसे भक्ति भाव से सुनें| किसी भी भक्त की अंतर्चेतना पर इसके अत्यधिक प्रभावशाली मन्त्रों का सकारात्मक प्रभाव निश्चित रूप से पड़ेगा|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!

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