Tuesday 5 December 2017

मुझे मोक्ष या मुक्ति नहीं चाहिए ....

मुझे ऐसा कोई मोक्ष या ऐसी कोई मुक्ति नहीं चाहिए जैसी सांसारिक लोगों की अवधारणा है| मुझे परमात्मा का कार्य करने के लिए बार बार पुनर्जन्म और लाख गुणा अधिक उत्साह और अखंड ऊर्जा चाहिए|

भगवान परमशिव से प्रार्थना है कि मेरा अगला जन्म ऐसे माँ-बाप के यहाँ हो जो वेदों के पूर्ण मर्मज्ञ हों, जिनसे मैं वेदों का पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर सकूँ| जन्म भी ऐसी प्रज्ञा और बौद्धिक प्रतिभा के साथ हो जो वेदों की समाधि भाषा को समझने में समर्थ हो|

प्रारब्धवश इस जन्म में तो बुद्धि में इतना कूड़ा-कचरा बैठा है कि मैं उपनिषदों की भाषा भी समझ नहीं पा रहा हूँ, यह मेरा दुर्भाग्य है|

पर इस जन्म में भी मरते दम तक ध्यान साधना व स्वाध्याय तो चलता ही रहेगा| आत्मा नित्य मुक्त है| मैं भी नित्य मुक्त था, नित्य मुक्त हूँ, और नित्य मुक्त रहूँगा| बुद्धि पर एक कोहरा सा छाया हुआ है जो निश्चित रूप से शीघ्र ही दूर होगा|

मैं निश्चित रूप से परमात्मा के साथ एक हूँ और सदा एक रहूँगा| उनका प्रेम मेरा प्रेम है, और उनकी पूर्णता ही मेरी पूर्णता है|

ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ !!

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