घोर शुष्क मरू भूमि में और पथरीली बंजर भूमि में भी मैंने सुन्दर पुष्पों
को उगते, खिलते और महकते हुए देखा है | अनेक प्रयास करने पर उपजाऊ भूमि में
भी कई बार गुलाब के फूल नहीं उगते पर मैंने उनको अनायास ही गंदे पानी में
भी उगते हुए देखा है | कीचड़ में कमल का उगना तो सामान्य है |
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हमारे ह्रदय की बंजर भूमि में भी भक्ति रुपी सुन्दर सुगन्धित पुष्प खिलें और उनकी महक हमारे ह्रदय से सभी हृदयों में व्याप्त हो जाए | हे परम शिव, आपकी उपस्थिति का सूर्य सदा हमारे कूटस्थ में स्थिर रहे, और हमारे समक्ष कहीं भी अज्ञान रूपी तिमिर का अस्तित्व न रहे |
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ॐ तत्सत् | ॐ नमः शिवाय | ॐ ॐ ॐ ||
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हमारे ह्रदय की बंजर भूमि में भी भक्ति रुपी सुन्दर सुगन्धित पुष्प खिलें और उनकी महक हमारे ह्रदय से सभी हृदयों में व्याप्त हो जाए | हे परम शिव, आपकी उपस्थिति का सूर्य सदा हमारे कूटस्थ में स्थिर रहे, और हमारे समक्ष कहीं भी अज्ञान रूपी तिमिर का अस्तित्व न रहे |
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ॐ तत्सत् | ॐ नमः शिवाय | ॐ ॐ ॐ ||
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