Tuesday, 1 July 2025

वंशावली सुरक्षित रखने की परंपरा -----

 वंशावली सुरक्षित रखने की परंपरा -----

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भारत में ब्रह्मभट्टों ओर तीर्थ पुरोहितों की परंपरा बड़ी अद्भुत है| इनके पास हमारी कई पीढ़ियों कि वंशावली सुरक्षित मिल जाएगी|
हमारे ब्रह्मभट्ट पाँच-छः वर्षों से एक बार नियमित रूप से आते है और पीछे की सात पीढ़ियों की पूरी जानकारी बता जाते है ----- हमारे पूर्वजों में कब किसका कहाँ जन्म हुआ, किसका कब और कहाँ किस गौत्र में विवाह हुआ, कब स्वर्गवास हुआ आदि सारी प्रामाणिक जानकारी उनकी बहियों में रहती है| नई जानकारी वे जुटाते रहते हैं|
ऐसे ही हमारे हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित के पास पिछली कई पीढ़ियों की पूरी जानकारी है कि कब किसका स्वर्गवास हुआ और कब उनका अस्थि विसर्जन हुआ आदि|
किसी भी तीर्थ में मैं जब जाता हूँ तब वहाँ के हमारे तीर्थ पुरोहित से यह जानकर बड़ी प्रसन्नता होती है कि हमारे पूर्वज कब किस तिथि और किस वर्ष में तीर्थ यात्रा को पधारे थे?
उनका व्यवसाय ही वही है अतः उनको यथायोग्य दक्षिणा देने में भी संकोच नहीं होता|
हमारी यह परंपरा जीवित रहे भगवान से यह प्रार्थना है|
ॐ ॐ ॐ ||
२ जुलाई २०१५

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