Tuesday, 1 July 2025

हमारी स्वयं की तपस्या/साधना/भक्ति ही हमारे काम आयेगी, दूसरों की नहीं ---

 हमारी स्वयं की तपस्या/साधना/भक्ति ही हमारे काम आयेगी, दूसरों की नहीं ---

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संत-महात्मा हमें प्रोत्साहित कर सकते हैं, प्रेरणा दे सकते हैं, और आवश्यकता होने पर हमारा मार्गदर्शन कर सकते हैं। लेकिन भगवत्-प्राप्ति तो स्वयं के तप से ही होगी। अतः दूसरों के पीछे-पीछे मत भागें। जहाँ भी भगवान ने हमें रखा है वहीं वे आयेंगे, वे आयेंगे, और उन्हें वहीं आना ही पड़ेगा। अतः जहाँ भी हो, वहीं रहते हुए भगवान का हर समय निरंतर स्मरण करें, और अपनी-अपनी गुरु-परंपरानुसार उपासना करें। भगवान आयेंगे, अवश्य आयेंगे, उन्हें आना ही पड़ेगा। ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !! कृपा शंकर
२ जुलाई २०२४

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