Wednesday, 26 February 2025

मेरे लिए हिन्दुत्व है -- "भगवत्-प्राप्ति" ---

मेरे लिए हिन्दुत्व है -- "भगवत्-प्राप्ति"। सनातन धर्म का लक्ष्य ही है -- "भगवत्-प्राप्ति"। "भगवत्-प्राप्ति" ही मनुष्य जीवन का लक्ष्य है। यही परम-पुरुषार्थ है, और यही मोक्ष है। जब तक भारत में दस पुण्यात्मायें भी ऐसी हैं जो भगवान के साथ एक हैं, तब तक भारत नष्ट नहीं हो सकता। भारत का पुनरोत्थान एक आध्यात्मिक शक्ति कर रही है, जिसे रोकने का सामर्थ्य किसी में भी नहीं है।
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सम्पूर्ण समष्टि की पीड़ा - मेरी पीड़ा है। लेकिन भारत और सनातन धर्मावलम्बी सत्यनिष्ठ हिंदुओं की पीड़ा, विशेष रूप से मेरी ही पीड़ा है। बहुत सारे संकल्प, बहुत सारी समस्याएँ, बहुत सारे प्रश्न, बहुत सारी आकांक्षाएँ, मेरे मानस में हैं, जिनका कोई समाधान मेरे पास नहीं है। सबको एक साथ समेट कर, भगवान को दे दिया था, जिनका उत्तर भी भगवान ने दे दिया है। लेकिन वह उत्तर एक ही है, और व्यक्तिगत है।
लेकिन एक बात सुनिश्चित है कि भगवान भारत के साथ हैं, और भारत की विजय भी सुनिश्चित है। हर हर महादेव !! 27 अक्तूबर 2021 . पुनश्च: --- हिन्दुत्व और भारत आज जीवित है तो इसका पूरा श्रेय दैवीय शक्तियों व सनातन धर्म की शाश्वतता को ही जाता है। भारत की अस्मिता पर जितना प्रहार हुआ है उसके दस लाखवें भाग जितना भी प्रहार किसी अन्य संस्कृति पर होता तो वह नष्ट हो जाती।
जहां तक मैं समझता हूँ, सनातन धर्म का उद्देश्य ही है कि सभी को भगवत्-प्राप्ति हो, और हम जीव से शिव बनें।
ॐ तत्सत् !! ॐ स्वस्ति !!

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