Sunday, 5 January 2025

मूँगे की चट्टानों (Coral Reefs) में तैराकी और Snorkeling :--- (भाग १)

National Geographic पत्रिका में मूँगे की चट्टानों के बारे में पढ़कर मेरा यह एक स्वप्न था कि जीवन में मुझे भी कभी मूँगे की चट्टानों में तैरने और Snorkeling का अवसर मिले। यह अवसर मिला सन १९८० में जब मुझे सपरिवार श्रीलंका में त्रिंकोमाली जाने का अवसर मिला। वहाँ एक त्रिकोणी पहाड़ी पर विशाल शिवालय है, इसलिए इस बन्दरगाह का नाम थिरुकोणमल्ले यानि त्रिंकोंमाली है। वहाँ दो टापू है जहां खूब मूँगे की चट्टानें हैं। मैंने चालक दल के साथ एक नौका किराये पर ली और एक जीवन-रक्षक गोताखोर को भाड़े पर साथ में लिया और गंतव्य स्थान पर पहुँच गया। पत्नी को तो नाव में ही बैठाये रखा, और स्वयं अपने साथी गोताखोर के साथ पानी में उतर गया। वह गोताखोर बहुत कुशल और वफादार था। उसने गोताखोरी के अनेक करतब दिखाए और मुझे स्नोर्केलिंग सिखलाई। वहाँ के प्रशासन ने तीन घंटों की ही अनुमति दी थी। इसलिए तीन घंटों में ही बापस लौटना पड़ा।

इस घटना से मन नहीं भरा। सन १९८७ में मूँगे की चट्टानों में गोताखोरी से मन स्थायी रूप से भरा लक्षद्वीप में। आगे का भाग लक्षद्वीप का ही है जो शीघ ही बताऊंगा।
==सावशेष ==

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