Monday 28 February 2022

डॉलर की कमाई कौन छोड़ना चाहेगा? ---

 

डॉलर की कमाई कौन छोड़ना चाहेगा?
इस समय भारत की लगभग सारी समाचार टीवी चैनलों ने विश्व का सबसे बड़ा Fake news अभियान छेड़ रखा है। रूस-यूक्रेन युद्ध पर सारे समाचार अमेरिका-प्रायोजित एकतरफा हैं। सारी भारतीय मीडिया बिक गई है।
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यूक्रेन ने अपने रूसी मूल के नागरिकों पर कितने अमानवीय अत्याचार किए? क्यों रूस को यह युद्ध छेड़ने को बाध्य किया गया? यह कोई नहीं बता रहा है।
रूस को एक खलनायक के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। यही बताया जा रहा है कि रूस कि इतनी हानि हो रही है, जैसे यूक्रेन की कोई हानि नहीं हो रही है।
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यूक्रेन का राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की एक भारत विरोधी खलनायक है, जिसने हर कदम पर भारत का सदा विरोध किया है। बिकी हुई भारतीय मीडिया उसे एक नायक के रूप में प्रस्तुत कर रही है, जैसे वह बहुत महान है।
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देश के कई भागों में चुनाव चल रहे हैं। उनकी खबरों को गौण कर दिया गया है।
सूचना और प्रसार मंत्रालय एक मित्र देश के विरुद्ध चलाए जा रहे इन झूठे और प्रायोजित समाचारों को रोकने में विफल रहा है। मीडिया को भी पता है मंत्रालय उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। अतः झूठी और प्रायोजित खबरें फैलाई जा रही हैं। काश ! भारत सरकार का समाचार मीडिया पर कोई नियंत्रण होता !!
२८ फरवरी २०२२
पुनश्च: 
बेशर्मी और झूठ की एक सीमा होती है। भारत की समाचार मीडिया ने वे सारी सीमाएं तोड़ दी हैं।
भारत की बिकी हुई बेशर्म समाचार मीडिया उत्तरप्रदेश के चुनावों से जनता का ध्यान हटाने के लिए विश्वयुद्ध का हौवा खड़ा कर रही है। यह उनका भारत विरोधी चरित्र है। उत्तर प्रदेश मे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी, और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी के भाषणों को गायब करते हुए, भारत के शत्रु देश यूक्रेन का महिमा मंडित करते हुये भारत के मित्र देश रूस को नीचा दिखा रही है। यह बिकी हुई मीडिया कितना भी षड़यंत्र कर ले, आना तो योगी जी को ही है।

1 comment:

  1. तृतीय विश्व युद्ध की आहट हो रही है। चाहे सारा ब्रह्मांड टूट कर बिखर जाये, भय की कोई बात नहीं है। कुछ भी हो सकता है, घबराएँ नहीं। भगवान सदा हमारे साथ हैं। हम अपने धर्म पर अडिग रहें। थोड़े-बहुत धर्म का पालन भी हमारी रक्षा करेगा। भगवान कहते हैं --
    "नेहाभिक्रमनाशोऽस्ति प्रत्यवायो न विद्यते।
    स्वल्पमप्यस्य धर्मस्य त्रायते महतो भयात्॥२:४०॥"
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    अति भयावह वन की घोर अंधकारमय निशा में जब सिंहनी भयानक गर्जना करती है तब सारा वन कांप उठता है। उस डरावने वातावरण में विकराल सिंहनी के समीप खड़ा सिंह-शावक क्या भयभीत होता है? यहाँ जगन्माता स्वयं प्रत्यक्ष हमारे समक्ष खड़ी हैं। उनको अपने हृदय का सर्वश्रेष्ठ प्रेम दें। हमारी रक्षा होगी।
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    "क्या हार में क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत मैं
    तिल-तिल मिटूँगा पर दया की भीख मैं लूँगा नहीं
    वरदान माँगूँगा नहीं
    चाहे हृदय को ताप दो चाहे मुझे अभिशाप दो
    कुछ भी करो कर्तव्य पथ से किंतु भागूँगा नहीं
    वरदान माँगूँगा नहीं"
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    ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
    कृपा शंकर
    २१ फरवरी २०२२

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