Sunday 31 March 2019

हम धर्मनिरपेक्षता से कैसे मुक्त हों ?

प्रश्न :-- हम धर्मनिरपेक्षता से कैसे मुक्त हों ?

उत्तर :-- हम धर्मशिक्षा के अभाव के कारण धर्मावलम्बी न होकर धर्मनिरपेक्ष हैं| धर्मनिरपेक्षता से मुक्त होने का एक ही उपाय है कि हम अपने धर्मग्रंथों का स्वाध्याय तो करें ही, साथ साथ तुलनात्मक रूप से अन्य मतों के ग्रंथों का भी गहन अध्ययन करें और समझें कि उनमें क्या लिखा है| फिर उनकी निष्पक्ष तुलना करें| अन्य कोई उपाय नहीं है| हर हिन्दू को चाहिए कि वह गीता को तो समझे ही, साथ साथ न्यू टेस्टामेंट के गोस्पेल और कुरान का भी गहन तुलनात्मक अध्ययन करे| बिना किसी विषय को जाने और समझे, किसी की आलोचना नहीं करनी चाहिए| फिर "सर्वधर्म समभाव" और "धर्मनिरपेक्षता" का भूत उतर जाएगा|

२६ मार्च २०१९

1 comment:

  1. "धर्म-निरपेक्षता" व "समाजवाद" इन दो भ्रामक सिद्धांतों पर प्रतिबंध लगना चाहिए| इन्होनें विश्व को, विशेषकर भारत को जितना ठगा और भ्रमित किया है, उतना अन्य किसी भी सिद्धान्त ने नहीं|
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    भारत में धर्म-निरपेक्षता का अर्थ है ... सिर्फ हिंदुओं की निंदा और उनके हितों पर कुठाराघात, और हिंदुओं के अतिरिक्त अन्य सब का तुष्टीकरण करना| धर्म-निरपेक्ष शब्द का अर्थ है अधर्म-सापेक्ष| धर्म-निरपेक्षता के नाम पर अधर्म ही हो रहा है|
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    "समाजवाद" शब्द का अर्थ है -- अपने स्वयं के समाज/परिवार/संबंधियों को समृद्ध बना देना, बाकी सब को कंगाल। यही है असली समाजवाद।
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    ये दोनों ही शब्द किन्हीं बुद्धि-पिशाचों के विकृत दिमाग की उपज हैं|

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