Thursday 9 February 2017

मानसिक आरती ..........

मानसिक आरती ..........
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कई बार आप यात्रा में या घर से बाहर हों या किसी अन्य परिस्थितिवश अपने इष्ट देव की आरती उतारने में असमर्थ हों तो मानसिक रूप से निम्न प्रकार से आरती उतारें ......
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बाह्यान्तर कुम्भक में यानि बलपूर्वक पूरी साँस बाहर निकाल कर, भ्रूमध्य में अपने इष्ट देव का ध्यान करें| जितनी देर साँस बाहर रख सकें उतनी देर तक रखें और हाथ जोडकर इष्टदेव को नमन करें| फिर साँस सामान्य रूप से चलने दें और परिस्थिति जितनी और जैसी अनुमति देती है वैसे ही भ्रूमध्य में पूर्ण श्रद्धा भक्ति से इष्टदेव का नमन और ध्यान करें| यह मानस पूजा है|
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आत्मस्वरूप परमात्मा को सदा याद रखें|
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ॐ गुरु! ॐ तत् सत् ! शिवोहं शिवोहं शिवोहं शिवोहं शिवोहं ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर

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