जितेन्द्रीय शासक ही शासन का अधिकारी है .....
.
प्राचीन भारत में प्रायः सभी राजा जितेन्द्रीय होते थे| वे निःस्वार्थ भाव से अपना वर्णाश्रम धर्म निभाते हुए राज्य करते थे| जब से भारत पर विषय-वासनाओं में लिप्त राजाओं ने शासन करना आरम्भ किया, तब से भारत का पतन होना आरम्भ हुआ| भारत का वास्तविक इतिहास इस तथ्य की पुष्टि करता है|
.
भविष्य का कालचक्र तो सही दिशा में जा रहा है, अतः निश्चित रूप से सकारात्मक क्रांतिकारी परावर्तन होंगे|
.
प्राचीन भारत में प्रायः सभी राजा जितेन्द्रीय होते थे| वे निःस्वार्थ भाव से अपना वर्णाश्रम धर्म निभाते हुए राज्य करते थे| जब से भारत पर विषय-वासनाओं में लिप्त राजाओं ने शासन करना आरम्भ किया, तब से भारत का पतन होना आरम्भ हुआ| भारत का वास्तविक इतिहास इस तथ्य की पुष्टि करता है|
.
भविष्य का कालचक्र तो सही दिशा में जा रहा है, अतः निश्चित रूप से सकारात्मक क्रांतिकारी परावर्तन होंगे|
.
हमारा सबसे बड़ा योगदान तो यही होगा कि हम अपने जीवनकाल में अपने निज विवेक के प्रकाश में क्षमतानुसार यथासंभव अपना सर्वश्रेष्ठ करें| बाकी तो सब सृष्टिनियंता के हाथ में है| भारत पर इस समय दीर्घकाल के पश्चात एक जितेन्द्रीय और समर्पित शासक (नरेन्द्र मोदी) राज्य कर रहा है| जगत-नियंता से प्रार्थना है कि ऐसे ही कुशल, समर्पित और धर्मनिष्ठ शासक ही भारतवर्ष में हों |
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
हमारा सबसे बड़ा योगदान तो यही होगा कि हम अपने जीवनकाल में अपने निज विवेक के प्रकाश में क्षमतानुसार यथासंभव अपना सर्वश्रेष्ठ करें| बाकी तो सब सृष्टिनियंता के हाथ में है| भारत पर इस समय दीर्घकाल के पश्चात एक जितेन्द्रीय और समर्पित शासक (नरेन्द्र मोदी) राज्य कर रहा है| जगत-नियंता से प्रार्थना है कि ऐसे ही कुशल, समर्पित और धर्मनिष्ठ शासक ही भारतवर्ष में हों |
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
No comments:
Post a Comment