योगोदय (Yogodaya)
स्वयं के आध्यात्मिक विचारों की अभिव्यक्ति ही इस ब्लॉग का एकमात्र उद्देश्य है |
Friday, 23 December 2016
हर व्यक्ति स्वतः ही स्वाभाविक रूप से सनातन धर्मानुयायी हिन्दू है .....
हर व्यक्ति स्वतः ही स्वाभाविक रूप से सनातन धर्मानुयायी हिन्दू है .....
--------------------------------------------------------------------------
वह हर व्यक्ति स्वतः ही स्वभाविक रूप से सनातन धर्मानुयायी हिन्दू है जिसकी चेतना ऊर्ध्वमुखी है, जिसके ह्रदय में परमात्मा के प्रति कूट कूट कर परम प्रेम भरा पडा है, जो निज जीवन में परमात्मा को उपलब्ध होना चाहता है, जो समष्टि के कल्याण की कामना करता है, व जो सब में परमात्मा को और परमात्मा को सबमें देखता है|
.
ऐसा व्यक्ति चाहे किसी भी मत
, पंथ या मज़हब का अनुयायी हो, व विश्व के किसी भी कोने में रहता हो, स्वतः ही हिन्दू हो जाता है क्योंकि हिंदुत्व एक ऊर्ध्वमुखी चेतना है जो व्यक्ति को परमात्मा की ओर अग्रसर करती है और व्यष्टिगत चेतना को समष्टि के साथ जोड़ती है|
.
हिन्दू होने के लिए किसी औपचारिक दीक्षा की आवश्यकता नहीं है| यदि आपको भगवान से अहैतुकी परम प्रेम हो जाता है तो आप अपने आप ही हिन्दू बन जाते हैं|
.
सनातन धर्मानुयायी हिन्दू ऐसे लोगों का समूह है जिनकी चेतना ऊर्ध्वमुखी है चाहे वे पृथ्वी के किसी भी भाग में रहते हों|
.
मुझे गर्व है कि मैंने उस धरती पर जन्म लिया है जहाँ गंगा, हिमालय और ऐसे व्यक्ति भी हैं जो निरंतर परमात्मा का चिंतन करते हैं|
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment