Friday 23 December 2016

क्रिसमस पर विशेष लेख ...... (5)

क्रिसमस पर विशेष लेख ..... (5)

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श्री श्री परमहंस योगानंद के अनुसार जीसस क्राइस्ट की मूल शिक्षाएँ, भगवान श्रीकृष्ण की ही शिक्षाएँ थीं| स्वामी विवेकानंद ने भी लिखा है कि ईसा मसीह में देवत्व पूर्ण रूप से व्यक्त था| वे एक पूर्ण संत थे और ईश्वर के साथ एक थे|
उन्होंने जिस कृष्ण चैतन्य को व्यक्त किया उसी को हम भी व्यक्त करें|
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24 दिसंबर की पूरी रात ओंकार रूप परमात्मा का ध्यान करें| यदि ध्यान न कर सकें तो जप, भजन-कीर्तन आदि करें|
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जीसस क्राइस्ट एक यहूदी थे पर आचार विचार से विशुद्ध भारतीय थे| भारत में रहकर उन्होंने सनातन व बौद्ध धर्मों का अध्ययन किया| फिलिस्तीन/इजराइल बापस जाकर अपने उपदेश दिए| उनकी मूल शिक्षाएं लुप्त हो गयी हैं| सूली पर वे मरे नहीं थे| बापस भारत आकर वर्षों तक जीवित रहे और भारत में ही देह त्याग किया|
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आप पर परमात्मा की पूर्ण कृपा हो| आप का निवास परमात्मा के ह्रदय में हो| जीवन का लक्ष्य परमात्मा से जुड़ना है| हमारा उद्गम परमात्मा से है, और जब तक बापस परमात्मा से नहीं जुड़ेंगे तब तक ऐसे ही इस दुःख सागर में भटकते रहेंगे|
क्रिसमस की शुभ कामनाएँ|
अब क्रिसमस के बाद ही मिलेंगे| शुभ कामनाएँ|
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ॐ तत्सत् | ॐ नमः शिवाय | ॐ ॐ ॐ ||
December 22, 2015.

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