Friday, 16 September 2016

भिखारियों को दुत्कारें नहीं ............

भिखारियों को दुत्कारें नहीं ............
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कभी कोई आपसे भीख माँगता है तो भिखारी को दुत्कारें नहीं, उसका तिरस्कार और उससे घृणा भी न करें| आप भीख न देना चाहें तो प्रेम से मना कर दीजिये|
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ये भिखारी अपने पूर्व जन्म में बहुत बड़े बड़े हर विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और राजनेता थे, जिनकी माँगने की आदत नहीं गयी तो भगवान ने इस जन्म में उनकी ड्यूटी यहाँ लगा दी| इनसे भी कभी दुनियाँ डरती थी| आज भी जो लोग जनता को दुखी और विवश कर घूस लेते हैं उनकी भी यहीं ड्यूटी लगने वाली है|
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जो दूसरों को पीड़ा देते हैं और दूसरों पर अत्याचार करते हैं उनकी ड्यूटी तो अति कष्टप्रद पशुयोनी में लगनी निश्चित है| पराये धन को हड़पने वाले भी सब निश्चित रूप से पशु योनी में जाते हैं|
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ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
September 14, 2015

1 comment:

  1. एक बार एक मंदिर के बाहर भिखारियों की लम्बी पंक्ति लगी थी| मैंने करुणावश भगवान से प्रार्थना की कि इन बेचारों का क्या दोष है जो इन्हें भीख माँगनी पड़ रही है| मुझे बड़ी गहन अनुभूति हुई कि इनमें से कोई कलेक्टर था, कोई थानेदार, कोई रेवेन्यु का अधिकारी था और कोई न्यायाधीश | वे सभी भिखारी पूर्व जन्म में बड़े बड़े पदों पर थे| प्रकृति किसी को क्षमा नहीं करती| हर सद्कार्य का पुरुष्कार मिलता है और हर दुष्कार्य का दंड मिलता है|

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