या तो मैं गलत समय पर इस संसार में हूँ, या गलत स्थान पर हूँ .....
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जैसा स्वभाव भगवान ने मुझे दिया है, उसके अनुसार तो इस संसार में मैं बिलकुल अनुपयुक्त यानि misfit हूँ| परमात्मा की परम कृपा से ही अब तक की यात्रा की है, इसमें मेरी कोई महिमा नहीं है| संभवतः परमात्मा को मुझ पर विश्वास यानि भरोसा था इसीलिए उन्होंने मुझे यहाँ भेज रखा है| विश्वासघात तो मैं परमात्मा से कर नहीं सकता, पर एक प्रार्थना अवश्य कर सकता हूँ कि ......
हे प्रभु, जहाँ भी तुमने मुझे रखा है, वहीँ तुम्हें आना ही पडेगा| तुम्हें यहीं आना पडेगा| ॐ ॐ ॐ ||
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जैसा स्वभाव भगवान ने मुझे दिया है, उसके अनुसार तो इस संसार में मैं बिलकुल अनुपयुक्त यानि misfit हूँ| परमात्मा की परम कृपा से ही अब तक की यात्रा की है, इसमें मेरी कोई महिमा नहीं है| संभवतः परमात्मा को मुझ पर विश्वास यानि भरोसा था इसीलिए उन्होंने मुझे यहाँ भेज रखा है| विश्वासघात तो मैं परमात्मा से कर नहीं सकता, पर एक प्रार्थना अवश्य कर सकता हूँ कि ......
हे प्रभु, जहाँ भी तुमने मुझे रखा है, वहीँ तुम्हें आना ही पडेगा| तुम्हें यहीं आना पडेगा| ॐ ॐ ॐ ||
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