Thursday 8 September 2016

आप सब नमन के योग्य हैं .......

आप सब नमन के योग्य हैं .......
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कोई दो लाख में से एक व्यक्ति होता है जो बिना किसी शर्त, हित या अपेक्षा के भगवान से प्रेम करता है| आप सब उन दो लाख में एक हो अतः आप सब अति धन्य हो| बाकी जो लोग स्वयं को आस्तिक कहते हैं, उनके लिए तो संसार साध्य है और परमात्मा एक साधन|
आध्यात्मिक लेखों को कोई पढ़ना नहीं चाहता, जो उनको पढ़ता है और उनसे प्रेरणा लेकर उपासना में लग जाता है वह और भी धन्य है| फिर उसे कुछ पढने की आवश्यकता भी नहीं है|
मुझ अकिंचन के माध्यम से सरलतम भाषा में जो कुछ भी हल्का-फुल्का लिखा जाता है, उसे पढ़कर आप मुझ पर उपकार करते हो यानि मुझे धन्य ही करते हो| स्वयं को व्यक्त करने के लिए ही लिखता हूँ, अन्य कोई उद्देश्य नहीं है|
आप सब को शुभ कामनाएँ और नमन ! आप सब मेरी ही निजात्मा और परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति हो | ॐ नमःशिवाय | ॐ शिव ! ॐ ॐ ॐ !!

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